उज्जैन। शहर के वरिष्ठ वकील आचार्य सत्यम यास्मीन को इंसाफ दिलाने के लिए आमरण अनशन (Acharya Satyam will fast unto death to get justice) करेंगे. अल्पसंख्यक बालिका यास्मीन पिता सिकंदर खान बीते तीन माह से ब्रेन डेड होने की वजह से बिस्तर पर है. दिनांक 6 जनवरी को घर पर मामूली फ्रेक्चर के बाद 17 वर्षीय यास्मीन को उज्जैन के मेवाड़ अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही के कारण एनेस्थीसिया का ओवरडोज दिया गया था, जिससे यास्मीन का ब्रेन डेड हो गया.
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डॉक्टर्स की लापरवाही से यास्मीन का ब्रेन डेड
उज्जैन के डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से यास्मीन का ब्रेन डेड (Yasmin brain dead due to negligence of doctors of Mewar Hospital) हो गया और वो कोमा में चली गयी है. मेवाड़ अस्पताल में जमकर हंगामा भी हुआ और अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार कर लड़की का पूरा खर्चा उठाने की बात कहते हुए उदयपुर के एक बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी थी. दो माह तक तो अस्पताल ने इलाज का खर्च दिया, लेकिन उसके बाद बंद कर दिया.
मेडिकल टीम की जांच अभी नहीं हुई पूरी
पीड़ित परिजनों ने मेवाड़ हास्पिटल प्रबंधक, चिकित्सकों और एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कराया है और पूरी घटना की जांच के लिए आवदेन दिया है. जिस पर उज्जैन कलेक्टर ने एक जांच दल भी बनाया है, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई. आचार्य सत्यम ने कहा कि सोमवार से उज्जैन कमिश्नर कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे.
कोठी रोड पर भूख हड़ताल करेंगे आचार्य सत्यम
मालवा रक्षा अनुष्ठान के संयोजक आचार्य सत्यम ने यास्मीन को न्याय दिलाने के लिए सरकार के विरुद्ध न्याय प्राप्ति के लिये 3 दिवस में पीड़िता के उपचार की व्यवस्था करने की मांग की है. उनका कहना है कि पीड़िता तीन माह से कोमा है, परिवार का सब कुछ बिक चुका है, कोई भी उस परिवार की मदद नहीं कर रहा है. जिसके चलते वो सोमवार से उज्जैन कमिश्नर कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठेंगे. आचार्य सत्यम ने कोठी रोड पर भूख हड़ताल कर आमरण अनशन करने का फैसला किया है.