उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट उस समय अचानक क्रैश हो गई, जब ऑनलाइन एग्जाम देने वाले मास्टर डिग्री के छात्रों के फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई. इस दौरान छात्रों को वेबसाइट पर अपलोड होने वाले प्रश्न पत्र के आधार पर उत्तर लिखने थे, लेकिन छात्र प्रश्न पत्र देखते उसके बीच में ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट क्रैश हो गई.
विश्वविद्यालय की वेबसाइट क्रैश
विश्वविद्यालय की वेबसाइट क्रैश होने के कारण करीब 6000 से अधिक छात्रों को परेशान होना पड़ा. हालांकि, विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए वेबसाइट मैनेज करने वाली एंटायर टेक्नोलॉजी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा. कुलपति ने कहा है कि जवाब सही नहीं मिलने पर कांट्रेक्ट रद्द कर दिया जाएगा. बीते साल भी विश्वविद्यालय में एग्जाम के समय वेबसाइट हैक करने का मामला सामने आया था. कुलपति ने गलती स्वीकार करते हुए कहां की. 'मैं गलती को स्वीकार करता हूं. दूसरी वेबसाइट का प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया. वेबसाइट को बच्चों के अलावा उनके परिवार भी खोलने लगे. सभी बच्चे एक ही वेबसाइट खोलने लगे.' इसलिए यह व्यवस्था बनी. उन्होंने बताया कि सभी कॉलेज प्रिंसिपल को प्रश्न पत्र भेज दिए गए हैं.
विक्रम विश्वविद्यालय का यह पहला मामला नहीं
बता दें कि, यह पहला मौका नहीं है, जब विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट क्रैश हुई हो. इससे पहले भी कई बार हैकरों ने विक्रम की वेबसाइट को हैक किया था और उस दौरान भी परीक्षा का समय था. विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://vikram univ.ac.in पर सोमवार रात 12:00 बजे डाले गए प्रश्न पत्र सुबह प्रथम दिख रहे थे, लेकिन 10 बजे के बाद वेबसाइट पर लोड बढ़ने लगा और वेबसाइट क्रैश हो गई. वेबसाइट पर एमए हिंदी, एमए इतिहास, एमए संस्कृत, एमए मराठी, एमए अंग्रेजी, एमए उर्दू, दर्शन शास्त्र, एमए संगीत, एमए चित्रकला, एमए समाजशास्त्र, एमए राजनीति विज्ञान, एमए अर्थशास्त्र, एमए भूगोल, एमए मनोविज्ञान, एमए लोक प्रशासन सहित एम एस डब्लू और एमबीए न्यू कोर्स, एमबीए ओल्ड कोर्स, के विद्यार्थी दिन भर परेशान होते रहे.
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कुलपति ने मानी गलती
जब 2:00 बजे तक वेबसाइट ठीक नहीं हुई तो विक्रम के अधिकारियों ने एक नई साइट https://vikram exams.com पर प्रश्न पत्र डाल दिए. इस वेबसाइट के बारे में विद्यार्थियों को पता नहीं होने से बहुत कम ही छात्र इस वेबसाइट को खोलकर प्रश्न पत्र देख सके. प्रश्न पत्र मिलने के बाद सभी विद्यार्थियों को 3 जुलाई को उत्तर पुस्तिका जमा करनी होगी. कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि, हमने दूसरी वेबसाइट पर भी प्रश्न पत्र डाले हैं, लेकिन हमने उस का प्रचार-प्रसार नहीं कर सके. फिलहाल, हमने प्रश्नपत्र कॉलेज के प्रिंसिपल को भी भिजवा दिए हैं. विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट कि मेंटेनेंस का काम उज्जैन की एंटायर टेक्नोलॉजी नामक कंपनी के हाथों में है. विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा वेबसाइट के रखरखाव के लिए प्रति वर्ष 60 हजार रुपए का भुगतान किया जाता है और हाल ही में वेबसाइट पर प्रश्न पत्र अपलोड होने से वेबसाइट में स्पेस की क्षमता बढ़ने के लिए 2.5 लाख रुपेए का अतिरिक्त भुगतान कंपनी को किया गया.