उज्जैन। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को उज्जैन नगर पालिक निगम ने महाशिवरात्रि के पहले सौगात दी है. निगम जल्द ही महाकाल मदिर के आस-पास खुलीं मांस और देसी-विदेशी शराब की दुकानों को बंद कराने जा रहा है. इस आशय के प्रस्ताव को महापौर से मंजूर मिल चुकी है.
साधारण सम्मेलन में सर्वसम्मति से फैसला : विश्वप्रसिद्ध महाकाल मंदिर तक पहुंचने के कई रास्तों पर अब मांस और शराब नहीं बेची जा सकेगी. उज्जैन नगर पालिक निगम परिषद के साधारण सम्मेलन में सर्वसम्मति से यह फैसला ले लिया गया है. भाजपा पार्षद गब्बर भाटी ने इस आशय का प्रस्ताव पेश किया था.
शहर की छवि भी खराब होती है : साधारण सम्मेलन में मंजूर इस प्रस्ताव में प्रावधान हैं कि महाकाल मंदिर पहुंच मार्गों पर स्थित मांस और देसी-विदेशी शराब की दुकानें जल्द हटाई जाएं. इस मंदिर में दुनियाभर से लगातार श्रद्धालु आते हैं. ऐसी दुकानें उनकी आस्था को आंच पहुंचाती हैं. उज्जैन जैसे धार्मिक और पौराणिक शहर की छवि भी खराब होती है. ऐसे में इन दुकानों को यहां से विस्थापित करना ही सही होगा.
श्रद्धालुओं को मुंह पर कपड़ा रखना पड़ता है : भाजपा पार्षद गब्बर भाटी ने साधारण सम्मेलन में कहा, 'नियमों का पालन करते हुए निगम महाकाल मंदिर के एक किलोमीटर के दायरे में मांस-मदिरा की दुकानें तत्काल प्रभाव से हटाने की कार्रवाई करे. ऐसा नहीं किया गया तो हम बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे. बेगमबाग जैसे इलाकों के जरिए मंदिर तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को खासी परेशानी होती है. उन्हें मुंह पर कपड़ा रखना पड़ता है.'
बाबा महाकाल की शरण में पहुंची अभिनेत्री सिमरन, भस्मारती में शामिल होकर लिया भगवान का आशीर्वाद
अधिकारियों को निर्देश जारी : भाटी ने बताया, 'जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया है, यहां करीब डेढ़ लाख लोग रोज आते हैं. हमने महापौर, सभापति और कमिश्नर से निवेदन किया है कि महाकाल मंदिर के आसपास जितनी भी ऐसी दुकानें हैं, उन्हें तत्काल प्रतिबंधित किया जाए. हमें आश्वासन दिया गया है कि 8 दिन के भीतर इन दुकानों को हटा लिया जाएगा. ऐसी दुकानों को हटाने की मंजूरी महापौर और निगम ने दे दी है. अधिकारियों से कहा गया है कि जल्द से जल्द इस बारे में कार्रवाई की जाए.'