ETV Bharat / state

कार्तिक पूर्णिमाः दूधिया रोशनी से जगमगा उठी उज्जयिनी, देखें शिप्रा के घाटों का ये शानदार नजारा

कार्तिक माह धार्मिक दृष्टि से हिन्दू पंचांग का महत्वपूर्ण महीना होता है. इस पूरे महीने श्रद्धालु उज्जैन में शिप्रा के घाटों पर दीपदान और स्नान करने पहुंचते हैं. खासकर वैकुण्ठ चतुर्दशी व कार्तिक पूर्णिमा शिप्रा के घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगता है.जिसके चलते यहां के घाटों का नजारा अद्भुत होता है.

author img

By

Published : Nov 30, 2020, 1:54 AM IST

kartik-purnima
शिप्रा के घाटों का नजारा

उज्जैन। हिन्दू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना गया है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार को अगर भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान के साथ मनाया जाएगा. इसको लेकर धर्मनगरी उज्जयिनी में तैयारियां पूरी हो गई हैं. पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठा है. शिप्रा घाट पर दूधिया रोशनी बिखरी हुई है. जिसने सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं. ये अद्भुत दृश्य रात के समय और भी मनोहर दिखाई देता है. वैसे तो कार्तिक माह में शिप्रा किनारे श्रद्धालुओं का तांता लगा ही रहता है. लेकिन वैकुण्ठ चतुर्दशी व कार्तिक पूर्णिमा पर इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है. वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्रद्धालुओं ने शिप्रा के तट पर दीपदान किया. इस दौरान जो दृश्य दिखाई दिया वो अद्भुत था. ईटीवी भारत ने इस पूरे नजारे को ड्रोन से कवर किया.

शिप्रा के घाटों का नजारा

सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. शास्त्रों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. कार्तिक मास में शिप्रा स्नान व तुलसी, सालिग्राम के पूजन का विशेष महत्व है. इसी मान्यता के चलते बीते एक माह से श्रद्धालु भक्ति में लीन हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर धर्म अध्यात्म की पूर्णता के लिए श्रद्धालु शिप्रा में स्नान करेंगे.

ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास

ज्योतिषाचार्य का मत

ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास ने बताया कि पूरे कार्तिक माह का का बड़ा महत्व होता है. कार्तिक माह में स्नान-दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अश्विन शुक्ल पूर्णिमा से लेकर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक श्रद्धालु सुबह सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान और पूजा पाठ करते हैं. जो महीने भर इससे वंचित रह जाते हैं, ऐसे श्रद्धालु आखरी के पांच दिन स्नान और पूजा पाठ करता है. जो पांच दिन भी नहीं कर पाते, वो कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान करते हैं.

तुलसी का वैकुंठ धाम में आगमन

कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन तुलसी का वैकुंठ धाम में आगमन हुआ था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है. यह भी कहा जाता है कि इसी दिन तुलसी का पृथ्वी पर आगमन भी हुआ था. इस दिन श्रीहरि की पूजा में तुलसी अर्पित करना लाभदायक होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाना और भगवान विष्णु की पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है. कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोगविनाशक, सद्बुद्धि प्रदान करने वाला तथा मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है.

करें सत्यनारायण की कथा

कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण अवश्य बांधे और द्वार पर रंगोली भी अवश्य बनाएं. ऐसा करने से हर में सकारात्मकता बनी रहती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुने, फल और पंजीरी का भोग लगाएं. इसके अलावा इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ एवं 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना बहुत लाभकारी होता है.

उज्जैन। हिन्दू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना गया है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार को अगर भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान के साथ मनाया जाएगा. इसको लेकर धर्मनगरी उज्जयिनी में तैयारियां पूरी हो गई हैं. पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठा है. शिप्रा घाट पर दूधिया रोशनी बिखरी हुई है. जिसने सुंदरता में चार चांद लगा दिए हैं. ये अद्भुत दृश्य रात के समय और भी मनोहर दिखाई देता है. वैसे तो कार्तिक माह में शिप्रा किनारे श्रद्धालुओं का तांता लगा ही रहता है. लेकिन वैकुण्ठ चतुर्दशी व कार्तिक पूर्णिमा पर इनकी संख्या और भी बढ़ जाती है. वैकुण्ठ चतुर्दशी पर श्रद्धालुओं ने शिप्रा के तट पर दीपदान किया. इस दौरान जो दृश्य दिखाई दिया वो अद्भुत था. ईटीवी भारत ने इस पूरे नजारे को ड्रोन से कवर किया.

शिप्रा के घाटों का नजारा

सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. शास्त्रों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. कार्तिक मास में शिप्रा स्नान व तुलसी, सालिग्राम के पूजन का विशेष महत्व है. इसी मान्यता के चलते बीते एक माह से श्रद्धालु भक्ति में लीन हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर धर्म अध्यात्म की पूर्णता के लिए श्रद्धालु शिप्रा में स्नान करेंगे.

ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास

ज्योतिषाचार्य का मत

ज्योतिषाचार्य आनंद शंकर व्यास ने बताया कि पूरे कार्तिक माह का का बड़ा महत्व होता है. कार्तिक माह में स्नान-दान करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अश्विन शुक्ल पूर्णिमा से लेकर कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तक श्रद्धालु सुबह सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान और पूजा पाठ करते हैं. जो महीने भर इससे वंचित रह जाते हैं, ऐसे श्रद्धालु आखरी के पांच दिन स्नान और पूजा पाठ करता है. जो पांच दिन भी नहीं कर पाते, वो कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान करते हैं.

तुलसी का वैकुंठ धाम में आगमन

कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि के दिन तुलसी का वैकुंठ धाम में आगमन हुआ था. इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा का खास महत्व है. यह भी कहा जाता है कि इसी दिन तुलसी का पृथ्वी पर आगमन भी हुआ था. इस दिन श्रीहरि की पूजा में तुलसी अर्पित करना लाभदायक होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन घरों में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाना और भगवान विष्णु की पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है. कार्तिक मास आरोग्य प्रदान करने वाला, रोगविनाशक, सद्बुद्धि प्रदान करने वाला तथा मां लक्ष्मी की साधना के लिए सर्वोत्तम है.

करें सत्यनारायण की कथा

कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण अवश्य बांधे और द्वार पर रंगोली भी अवश्य बनाएं. ऐसा करने से हर में सकारात्मकता बनी रहती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुने, फल और पंजीरी का भोग लगाएं. इसके अलावा इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ एवं 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना बहुत लाभकारी होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.