उज्जैन। केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हुए 15 करोड़ के डीपीएफ गबन मामले में पुलिस व एसआईटी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने इस मामले के 13 आरोपियों में से 9 आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली है और 3 करोड़ की रिकवरी भी हो गई है. पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पूर्व जेल अधीक्षक और जेल के बाबू रिपुदमन जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने बीते दिन देर शाम पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज का बैंक लॉकर खुलवाया, जिसमें से 3 किलो 718 ग्राम सोने की कैडबरी, 3 किलो 144 ग्राम चांदी के बर्तन एवं जेवर बरामद किए हैं और साथ में चार प्लॉटों की रजिस्ट्री एवं भोपाल में फ्लैट की बुकिंग की 24 लाख रुपये के नकद भुगतान की रसीदें मिली हैं.
11 मार्च को सामने आया था ये मामलाः एसपी सचिन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 11 मार्च को ये पूरा मामला जिला कोषालय उज्जैन के सहायक जिला कोषालय अधिकारी द्वारा एक लिखित आवेदन पत्र व दस्तावेज के माध्यम से सामने आया था. रिपोर्ट जिला कलेक्टर व तत्कालीन एसएसपी ने भोपाल भेजी गई और SIT गठित हुई. प्रथम द्रष्टया मुख्य आरोपी रिपुदमन जो कि अकाउंटेंट रहा है, उसके खिलाफ धारा 420 के तहत आरोपी बना कर मामले की जांच शुरू की. आरोपी रिपुदमन से की पूछताछ में सामने आया कि जेल अधीक्षक रहीं उषा राज ही इसका सत्यापन कर स्वीकृति देती थीं. जब उषा राज को आरोपी बनाया गया तो परतें खुलती गईं. कुल 13 आरोपी चिन्हित किए गए और अब तक 9 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
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उषा राज से हुई सबसे ज्यादा रिकवरीः एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि इस मामले में सबसे ज्यादा रिकवरी उषा राज से हुई है. उज्जैन जेल अधीक्षक रही मुख्य आरोपी उषा राज के पास से 03 किलो 718 ग्राम सोने की कैडबरी, 03 किलो 144 ग्राम चांदी के बर्तन एवं जेवर जिसकी कीमत 2.25 करोड़ रुपये है. 4 प्लॉटों की रजिस्ट्री एवं भोपाल में फ्लैट बुकिंग की 24 लाख रुपये के नगद भुगतान की रसीदें मिली हैं.