उज्जैन। शहर के माधव सेवा न्यास में शनिवार से अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की 3 दिवसीय केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू हुई. शनिवार को संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम चंद्र खराड़ी की मौजूदगी में प्रेस वार्ता आयोजित की गई. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में देश भर में अलग अलग प्रांत के 300 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. जिसमें वनवासी बंधुओं की समस्याओं के समाधान की दिशा में और अधिक प्रयास क्या होने चाहिए पर चर्चा होनी है.
वनवासियों के लिए संगठन का कार्य : राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक हर साल आयोजित होती है इस बार महाकाल की नगरी में रखी गई है. पहले दिन बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ और सरकार को सचेत करने की बात हुई कि किसी भी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में जोड़ने के पूर्व कमेटी द्वारा निर्धारित मापदंड व प्रक्रिया का कड़ाई से पालन किया जाए. साथ ही वर्ष 1996 का पेसा एक्ट लागू करवाना, 2006 के सामुदायिक वनाधिकार को जमीनी स्तर पर लागू करवाना व अन्य चर्चाएं होनी है. विगत दशकों से वनवासी क्षेत्र में जो वनवासियों के लिए कार्य किए जा रहे है उसका प्रचार कैसे हो, वनवासी बंधुओं की समस्याओं के समाधान की दिशा में और अधिक प्रयास क्या होने चाहिए, वनवासियों में भाव जागृत करना भी इसका उद्देश्य है.
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दिल्ली कूच: वे इसी समाज के अंग हैं जिससे धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं ना बढ़े. जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है उनकी वापसी हो. वनवासियों को ये महसूस ना हो कि वे अल्पसंख्यक हैं क्योंकि वे सनातन का हिस्सा रहे हैं. देश की प्रगति में उनका भी समान योगदान है. कई विषयों पर तीन दिन में चर्चा और उनके समाधान पर चर्चा होनी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जनजातीय सुरक्षा मंच दिल्ली कूच करेगा जिसके साथ हम सब भी शामिल है. पूरे राज्यों में इसको लेकर चर्चा है. अक्टूबर-नवंबर में कूच करेंगे अभी तय नहीं है.