उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम में परंपरा के अनुसार सबसे पहले दीपावली पर्व की अल सुबह होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल के सामने पुजारियों व पुरोहितों ने फुलझड़ी जलाकर पर्व को मनाया. एक दिन पहले रूप चतुर्दशी, यम चतुर्दशी, नर्क चतुर्दशी का महत्व है, लेकिन तिथियों के संयोग से आज ही के दिन दोनों है. आज दीपावली पर्व परंपरा अनुसार मनाया गया. (Ujjain Mahakaleshwar temple) (Baba Mahakal makeup on 24 October 2022)
Ujjain Mahakal धनतेरस पर महाकाल का पूजन-अभिषेक उज्जैन कलेक्टर सपत्नीक हुए शामिल
महिलाओं ने किया महाकाल का श्रृंगार: इस दौरान बाबा को चंदन का उबटन, चमेली का तेल लगाकर बाबा महाकाल का श्रृंगार पुजारी/पुरोहित परिवार की महिलाओं ने किया. विशेष दिव्य आरती कर बाबा को 56 भोग अर्पित किए. वहीं श्रद्धालु भी बाबा के सामने फुलझड़ी जलाकर पर्व को मनाते हुए नजर आए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय नजर आए.
गर्म जल से स्नान करेंगे अब बाबा महाकाल हर रोज: भगवान को ठंड के दिनों में रोजाना गर्म जल से स्नान कराये जाने की आज से शुरुवात हो गई गई है. आज रूप चौदस भी एक साथ होने से उत्साह बढ़ गया. रूप चौदस पर वर्ष में एक बार पुजारी पुरोहित परिवार की महिलाएं शामिल होती हैं. बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार कर रूप निखारती हैं. ये मौका साल में एक ही बार महिलाओं को मिलता है. जिसमें सभी सुगंधित द्रव्य लेकर महिलाएं बाबा महाकाल के लिए उबटन तैयार करती हैं और उन्हें लगाती है. इसके बाद विशेष कपूर आरती होती है, जो महिलाएं ही करती हैं. साथ ही पुजारी परिवार को नगर से मिलने वाले अन्न व अन्य सामग्री से 56 भोग तैयार होता है और अन्न कूट का आयोजन किया जाता है. (Ujjain Mahakaleshwar temple) (Baba Mahakal makeup on 24 October 2022)