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उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती में भव्य श्रृंगार, भगवान ने दिये तीसरे नेत्र के दर्शन

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Published : Mar 14, 2023, 3:59 PM IST

मंगलवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की भस्म आरती के दौरान राजा रूप में श्रृंगार किया गया, इसके बाद भगवान की आरती की गई. बाबा ने मस्तक पर कुंदन जड़ा चन्द्र, त्रिपुण्ड और तीसरा नेत्र धारण किया. बाबा के श्रृंगार को देख भक्त आनंदमय हो गए.

Ujjain Mahakaleshwar temple
महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल

उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 3:00 बजे भस्म आरती शुरू होती है और भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है, इसके बाद पंडा, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया जाता है. फिर बाबा का पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया जाता है. ऐसे ही मंगलवार को भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.

Ujjain Mahakaleshwar temple
भस्मी में बाबा महाकाल

राजा रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धलु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं श्रद्धालुओं को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक करके जाने दिया जाता है. दूसरी तरफ बाबा महाकाल का पंडा, पुजारी मंत्र उच्चारण के साथ जल अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर इसके बाद शुरू होती है भस्म आरती, जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं. इसी क्रम में बाबा ने मस्तक पर कुंदन जड़ा चन्द्र, त्रिपुण्ड और तीसरा नेत्र धारण किया. बाबा के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान के भोग लगाए गए और उनका राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

उज्जैन। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 3:00 बजे भस्म आरती शुरू होती है और भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है, इसके बाद पंडा, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया जाता है. फिर बाबा का पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया जाता है. ऐसे ही मंगलवार को भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.

Ujjain Mahakaleshwar temple
भस्मी में बाबा महाकाल

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राजा रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धलु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं श्रद्धालुओं को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक करके जाने दिया जाता है. दूसरी तरफ बाबा महाकाल का पंडा, पुजारी मंत्र उच्चारण के साथ जल अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर इसके बाद शुरू होती है भस्म आरती, जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं. इसी क्रम में बाबा ने मस्तक पर कुंदन जड़ा चन्द्र, त्रिपुण्ड और तीसरा नेत्र धारण किया. बाबा के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान के भोग लगाए गए और उनका राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गए, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

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