भोपाल/उज्जैन। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि वर्ष 2028 में उज्जैन कुंभ मेले में लगभग 12 करोड़ लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है, जिसके मद्देनजर क्षिप्रा नदी की सफाई और अपशिष्ट जल के प्रवाह को रोकने के लिए 'स्टॉप डैम (छोटे बांध) के निर्माण जैसे विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं. उज्जैन में रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान मेला आयोजन के मद्देनजर निर्देश दिए गए. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, ऐसा अनुमान है कि लगभग 12 करोड़ श्रद्धालु वर्ष 2028 कुंभ मेले में हिस्सा लेंगे.
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आज उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ "सिंहस्थ 2028 हेतु विकास कार्य एवं क्षिप्रा शुद्धिकरण" से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। pic.twitter.com/4mi4rktJzP
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12 साल में लगता है सिंहस्थ
बता दें कि कुंभ मेला 12 वर्षों में एक बार आयोजित किया जाता है. सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को क्षिप्रा नदी में अपशिष्ट प्रवाह को रोकने के लिए पड़ोसी शहर इंदौर और देवास में विभिन्न स्थानों पर छोटे बांध बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि नदी को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए और इसका पानी 2028 से पहले पीने योग्य हो जाए. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि ''देश एवं प्रदेश का सबसे बड़ा कुंभ मेला सिहस्थ 12 वर्ष में एक बार उज्जैन में जब सिंह राशि में बृहस्पति प्रवेश करते हैं, तो आयोजित किया जाता है. मेले में साधु, संत, महामंडलेश्वर, गणमान्य नागरिक एवं आम जनता बड़ी संख्या में शामिल होने आती है.''
शिप्रा के पानी को स्वच्छ व निर्मल बनाएं
CM ने कहा कि ''सिंहस्थ मेला का आयोजन न केवल उज्जैन के लिए अपितु प्रदेश एवं देश के लिए एक गौरवशाली क्षण होता है.'' उन्होंने कहा कि ''शिप्रा नदी में श्रद्धालु स्नान करते हैं, आवश्यकता है कि शिप्रा नदी का पानी स्वच्छ निर्मल एवं आचमन योग्य हो. इसलिए इंदौर, उज्जैन एवं देवास के सभी संबंधित अधिकारी शिप्रा नदी में इंदौर, उज्जैन एवं देवास के नालों का गंदा पानी ना मिले, इसकी कार्य योजना बनाएं. सभी जगह गंदे पानी को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में जगह-जगह स्टॉप डैम बनाएं.''
सड़क मार्ग चौड़ीकरण के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि ''उज्जैन के अलावा सिंहस्थ मेले का इंदौर, देवास, ओंकारेश्वर दादा धुनी वाले, पशुपतिनाथ मंदिर, बगलामुखी मंदिर में भी सिंहस्थ मेले का विस्तार रहता है. सभी जगह आम जनता की सहभागिता रहती है. हमारी संकल्पना है कि जब श्रद्धालु आए तो मेले में गौरव का अनुभव करें. हमेशा की तरह इस बार भी सिंहस्थ मेला हम अपने गौरवशाली सनातन परंपरा के अनुसार मनाएंगे. इसके लिए शिप्रा नदी शुद्धिकरण के साथ ही उज्जैन के महाकाल मंदिर तक जाने के लिए सड़क मार्ग चौड़ीकरण, मंदिर तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग की प्लानिंग, पावर स्टेशन, हवाई पट्टी विस्तार, संग्रहालय, यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, वाहन पार्किंग आदि के भी विकास कार्य करने होंगे.''
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ''भीड़ प्रबंधन के लिए भी वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. वाहन पार्किंग एवं शुद्ध पेयजल तथा ठहरने की उत्तम व्यवस्था भी की जाएगी और इन सब की कार्य योजना 2028 से पहले बनाकर पूर्ण कर ली जाएगी.'' उन्होंने कहा कि ''विभिन्न समाज के लोग यदि उज्जैन में धर्मशाला बनाना चाहते हैं तो हम उन्हें पूरी सुविधा उपलब्ध कराएंगे. जहां-जहां अच्छे घाट हैं वहां पर श्रद्धालुओं के स्नान की भी बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. मोहन यादव ने कहां कि ''अब किसी भी कार्य योजना में कोई चूक नहीं होनी चाहिए सभी योजनाएं शत प्रतिशत सफल होनी चाहिए.