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Mahakaleshwar Temple: बाबा महाकाल के अद्भुत रूप का दर्शन कर भाव-विह्वल हुए भक्त - बाबा महाकाल का अद्भुत रूप दर्शन

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को बाबा महाकाल ने भस्म आरती के बाद अद्भुत रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान हर-हर महादेव व जय जय श्री महाकाल के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा.

Devotees emotional of Baba Mahakal
बाबा महाकाल का अद्भुत रूप के दर्शन कर भाव विह्वल हुए भक्त
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Published : Feb 14, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Feb 14, 2023, 10:34 AM IST

उज्जैन। मंगलवार को बाबा महाकाल का भस्मआरती में राजा के रूप में सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. मस्तक पर सूखे मेवे से त्रिपुण्ड व आभूषण धारण कराए गए. भस्मारती में भांग और अविर चन्दन से किया गया श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु आनंदमय हो गए. महाकाल को राजा के रूप में तैयार किया गया. वहीं गुलाब के फूलों की माला, आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. इसके बाद बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

अलसुबह 3 बजे से भक्तों की लाइन : महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 3 बजे भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे-पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देखकर भक्त भी शिवमय हो गए. इस प्रकार हर हर महादेव व जय जय श्री महाकाल के जयकारे से पूरा मंदिर गुंजायमान हो गया.

Ujjain Mahakaleshwar Temple: महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि का चौथा दिन, छबीना रूप में बाबा ने दिए दर्शन

भस्मारती के लिए भक्तों की लाइन : बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और तीन बजे मंदिर के पट खुलते हैं. श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर के जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं. भगवान महाकाल का भांग और सूखे मेवे से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर शुरू होती है भस्म आरती. जिसे देखकर भक्त अभिभूत हो जाते हैं. मंगलवार को बाबा महाकाल के मस्तक सूखे मेवे से त्रिपुण्ड व आभूषण धारण कराए गए. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगाए गए. इसके बाद राजा के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

उज्जैन। मंगलवार को बाबा महाकाल का भस्मआरती में राजा के रूप में सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. मस्तक पर सूखे मेवे से त्रिपुण्ड व आभूषण धारण कराए गए. भस्मारती में भांग और अविर चन्दन से किया गया श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु आनंदमय हो गए. महाकाल को राजा के रूप में तैयार किया गया. वहीं गुलाब के फूलों की माला, आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. इसके बाद बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

अलसुबह 3 बजे से भक्तों की लाइन : महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 3 बजे भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे-पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देखकर भक्त भी शिवमय हो गए. इस प्रकार हर हर महादेव व जय जय श्री महाकाल के जयकारे से पूरा मंदिर गुंजायमान हो गया.

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भस्मारती के लिए भक्तों की लाइन : बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और तीन बजे मंदिर के पट खुलते हैं. श्रद्धालुओं को बारी-बारी से मंदिर में परमिशन चेक कर के जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं. भगवान महाकाल का भांग और सूखे मेवे से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर शुरू होती है भस्म आरती. जिसे देखकर भक्त अभिभूत हो जाते हैं. मंगलवार को बाबा महाकाल के मस्तक सूखे मेवे से त्रिपुण्ड व आभूषण धारण कराए गए. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगाए गए. इसके बाद राजा के रूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया गया. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया.

Last Updated : Feb 14, 2023, 10:34 AM IST
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