उज्जैन। जिले के संभागायुक्त आनंद कुमार शर्मा और कलेक्टर आशीष सिंह ने आज मेला कार्यालय में संयुक्त रूप से शहर के निजी नर्सिंग होम संचालकों और निजी चिकित्सा विशेषज्ञ डॉक्टर्स की बैठक लेकर उनसे कोरोना वायरस से लड़ाई में एकजुट होकर सहयोग करने का आह्वान किया.
शासकीय और निजी अस्पताल मिलकर काम करें
संभागायुक्त आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस से जीतने के लिए सभी चिकित्सालय चाहे वो शासकीय हो या निजी मिलकर काम करें. उन्होंने निजी चिकित्सकों और नर्सिंग होम संचालकों का आह्वान किया कि यह उनका अपना शहर है. यहां के डॉक्टर न केवल उज्जैन शहर बल्कि आसपास के जिलों के मरीजों को भी देखते रहे हैं. इस कठिन दौर में उन पर बड़ी जिम्मेदारी आ गई है . सभी को मिलकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा. उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज का उपचार करने से नर्सिंग होम में मना नहीं किया जाए . कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों के स्टेबल होने तक संबंधित निजी नर्सिंग होम में उपचार किया जाए, वही अत्यधिक आवश्यकता होने पर ही उन्हें रेड हॉस्पिटल माधव नगर अथवा आरडी गार्डी हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाए.
गर्भवती महिलाओं के सैंपल का प्रथमिकता के आधार पर किया जाएगा परीक्षण
शिफ्ट करने की अनुशंसा के लिए जिला प्रशासन द्वारा निजी डॉक्टरों की टीम गठित की गई है. संभागायुक्त ने कहा है कि निजी नर्सिंग होम में भर्ती कोविड-19 के संदिग्ध पेशेंट की देखभाल गंभीरता से हो यह सुनिश्चित किया जाए और रात्रि में भी उनके स्वास्थ्य का परीक्षण हो यह सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों को राउंड लेना चाहिए.
संभागायुक्त ने कहा है कि आपातकाल में डॉक्टर्स अपना धर्म निभाते हुए सबसे पहले मरीज का उपचार करें. उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपनी सीमाओं से आगे बढ़कर कार्य करें और शहर को संक्रमण से बचाएं . संभागायुक्त ने आश्वस्त किया कि निजी नर्सिंग होम में भर्ती गर्भवती महिलाओं के सैंपल प्राथमिकता के आधार पर परीक्षण किए जाएंगे. जिला प्रशासन द्वारा निजी चिकित्सकों में से ही एक टीम बनाई है जो रेफरल संबंधित सभी समस्याओं का हल करते हुए संभावित कोविड 19 पेशेंट्स को रेफर करने की अनुशंसा करेगी.
कोरोना वायरस की रिपोर्ट आने में लग रहा कम समय
कलेक्टर ने कहा कि इस संकट के समय में सरकारी और निजी चिकित्सक अलग-अलग नहीं है. सभी एक मशीन के पुर्जे की तरह कार्य करेंगे. उन्होंने बताया कि पहले से अब कोरोना वायरस की रिपोर्ट आने में कम समय लग रहा है. 24 से 36 घंटे में ही रिपोर्ट आ रही है इससे कोविड 19 मरीजों की पहचान आसान हो गई है.
कलेक्टर ने सभी नर्सिंग होम संचालकों से कहा कि वे अपने यहां तीन से चार बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार करें जहां पर संदिग्ध कोरोना मरीजों का उपचार किया जाए. इन मरीजों को स्टेबल करने के बाद ही रेफरल टीम के सदस्य की अनुमति प्राप्त होने के बाद रेड हॉस्पिटल माधव नगर अथवा आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया जाए.
रेफरल करने के पहले प्रत्येक मरीज की हिस्ट्री की जाए तैयार
उन्होंने कहा कि रेफरल करने से पहले प्रत्येक मरीज की हिस्ट्री तैयार की जाए, जिससे संबंधित रेड हॉस्पिटल में उनका इलाज करने में आसानी होगी. कलेक्टर ने कहा कि यथासंभव रात में किसी भी मरीज को रेड हॉस्पिटल में शिफ्ट नहीं किया जाए. जब तक की बहुत ज्यादा इमरजेंसी ना हो. साथ ही उन्होंने कहा कि रेड हॉस्पिटल में पेशेंट को भेजने के पहले रेड हॉस्पिटल के प्रभारी से आवश्यक चर्चा कर ली जाए जिससे कि मरीज को भर्ती करने में विलंब न हो.