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आज रात 12 बजे खुलेगा महाकाल के शिखर पर विराजित नागचंद्रेश्वर का दरबार, श्रद्धालु की एंट्री बैन, सिर्फ ऑनलाइन होंगे दर्शन

उज्जैन के महाकाल मंदिर के ऊपरी हिस्से में मौजूद भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे. साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाले मंदिर के पट कलेक्टर, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत मंदिर खोलेंगे. कोविड की वजह से पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं की एंट्री बैन रहेगी.

आज रात 12 बजे खुलेगा महाकाल के शिखर पर विराजित नागचंद्रेश्वर का दरबार
आज रात 12 बजे खुलेगा महाकाल के शिखर पर विराजित नागचंद्रेश्वर का दरबार
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Published : Aug 12, 2021, 5:18 PM IST

उज्जैन। साल में एक बार नागपंचमी पर खुलने वाले उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे. साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. श्रद्धालु महाकाल मंदिर की वेबसाइट और ऐप से घर बैठे लाइव दर्शन कर सकेंगे. परंपरा के अनुसार पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी विधि-विधान के साथ सबसे पहले नागचंद्रेश्वर की पूजा करेंगे.

आज रात 12 बजे खुलेंगे नागचंद्रेश्वर के पट

विश्वप्रसिद्ध उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दूसरे तल पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर नागपंचमी के अवसर पर साल में एक बार खोला जाता है. हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने उज्जैन पहुंचते हैं. कोरोना की वजह से पिछले साल की तरह इस साल भी मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. रात 12 बजे पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, कलेक्टर आशीष सिंह पूजन और अभिषेक करेंगे.

मंदिर में विराजित नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा
मंदिर में विराजित नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा

मंदिर में विराजित है अतिदुर्लभ प्रतिमा

नागचंद्रेश्वर का मंदिर महाकाल मंदिर के दूसरे तल पर है. इस मंदिर में नागचंद्रेश्वर की जो मूर्ति विराजित है वो सैकड़ों साल पुरानी और दुर्लभ मूर्ति है. इस मूर्ति में भगवान शिव और माता पार्वती शेषनाग पर विराजित हैं. मान्यता है कि नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है. शांति, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना लेकर हर साल 2 से 3 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते थे.

नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का है विशेष महत्व

नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का है विशेष महत्व

महाकाल मंदिर में पूजा करने वाले महेश पुजारी ने बताया कि इस प्रतिमा के दर्शन का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में भगवान विष्णु ही शेषनाग पर विराजित होते हैं, लेकिन महाकाल मंदिर के ऊपरी हिस्से में स्थापित इस प्रतिमा में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ शेषनाग पर विराजित हैं. इसके लिए साल में एक बार नागपंचमी पर यहां विशेष पर्व मनाया जाता है.

सिर्फ नाग पंचमी पर खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों की नो एंट्री, वर्चुअल कर सकेंगे दर्शन

महाकाल के दर्शन भी प्री-बुकिंग से होंगे

इधर नागपंचमी के अवसर पर भगवान महाकाल के दर्शन भी प्री-बुकिंग से ही होंगे. मंदिर के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति और कोरोना को ध्यान में रखते हुए बाबा महाकाल के दर्शन के लिए प्री-बुकिंग करवाना जरूरी होगा. बिना प्री-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. बाबा महाकाल और नागचंद्रेश्वर के लाइव दर्शन करने के लिए श्रद्धालु मंदिर समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in का उपयोग कर सकते हैं.

उज्जैन। साल में एक बार नागपंचमी पर खुलने वाले उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट आज रात 12 बजे खुलेंगे. साल में एक बार 24 घंटे के लिए खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में पिछले साल की तरह इस साल भी श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. श्रद्धालु महाकाल मंदिर की वेबसाइट और ऐप से घर बैठे लाइव दर्शन कर सकेंगे. परंपरा के अनुसार पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी विधि-विधान के साथ सबसे पहले नागचंद्रेश्वर की पूजा करेंगे.

आज रात 12 बजे खुलेंगे नागचंद्रेश्वर के पट

विश्वप्रसिद्ध उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दूसरे तल पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर नागपंचमी के अवसर पर साल में एक बार खोला जाता है. हर साल हजारों श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने उज्जैन पहुंचते हैं. कोरोना की वजह से पिछले साल की तरह इस साल भी मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. रात 12 बजे पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी, कलेक्टर आशीष सिंह पूजन और अभिषेक करेंगे.

मंदिर में विराजित नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा
मंदिर में विराजित नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा

मंदिर में विराजित है अतिदुर्लभ प्रतिमा

नागचंद्रेश्वर का मंदिर महाकाल मंदिर के दूसरे तल पर है. इस मंदिर में नागचंद्रेश्वर की जो मूर्ति विराजित है वो सैकड़ों साल पुरानी और दुर्लभ मूर्ति है. इस मूर्ति में भगवान शिव और माता पार्वती शेषनाग पर विराजित हैं. मान्यता है कि नागचंद्रेश्वर के दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष का निवारण हो जाता है. शांति, सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना लेकर हर साल 2 से 3 लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते थे.

नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का है विशेष महत्व

नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा का है विशेष महत्व

महाकाल मंदिर में पूजा करने वाले महेश पुजारी ने बताया कि इस प्रतिमा के दर्शन का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में भगवान विष्णु ही शेषनाग पर विराजित होते हैं, लेकिन महाकाल मंदिर के ऊपरी हिस्से में स्थापित इस प्रतिमा में भगवान शिव अपने पूरे परिवार के साथ शेषनाग पर विराजित हैं. इसके लिए साल में एक बार नागपंचमी पर यहां विशेष पर्व मनाया जाता है.

सिर्फ नाग पंचमी पर खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में भक्तों की नो एंट्री, वर्चुअल कर सकेंगे दर्शन

महाकाल के दर्शन भी प्री-बुकिंग से होंगे

इधर नागपंचमी के अवसर पर भगवान महाकाल के दर्शन भी प्री-बुकिंग से ही होंगे. मंदिर के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति और कोरोना को ध्यान में रखते हुए बाबा महाकाल के दर्शन के लिए प्री-बुकिंग करवाना जरूरी होगा. बिना प्री-बुकिंग के आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. बाबा महाकाल और नागचंद्रेश्वर के लाइव दर्शन करने के लिए श्रद्धालु मंदिर समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in का उपयोग कर सकते हैं.

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