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उन्हेल कृषि उपज मंडी में परेशान किसान, मॉडल एक्ट पर तुलावटी-व्यापारी आमने-सामने

उज्जैन की उन्हेल कृषि उपज मंडी में कभी व्यापारी हड़ताल पर चले जाते हैं तो कभी तुलावटी और जब दोनों वापस आ जाते हैं तो मॉडल एक्ट इस व्यवस्था में टांग अड़ा देता है.

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Published : Jul 15, 2020, 1:18 PM IST

उज्जैन। घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की उन्हेल कृषि उपज मंडी में एक पखवाड़े से भी अधिक वक्त गुजर जाने के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं, जिसके चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. कभी व्यापारी हड़ताल पर चले जाते हैं तो कभी तुलावटी और जब दोनों वापस आ जाते हैं तो मॉडल एक्ट इस व्यवस्था में टांग अड़ा देता है. आठ दिन की हड़ताल के बाद मंगलवार को फिर से नीलामी का काम शुरू हो रहा था, तभी व्यापारियों व तुलावटी के बीच विवाद हो गया, जिसके चलते फिर से मंडी में नीलामी रोक दी गई.

इस मामले को लेकर पड़ताल की गई तो पता चला कि शासन द्वारा मॉडल एक्ट के तहत किसान से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जानी चाहिए, जिसके चलते पुरानी व्यवस्था के अनुसार तोल कांटे के दौरान तोल में उपज की कुछ वजन की कमी कर तुलावटी व हम्मालों को जो भुगतान किया जाता था, वो मॉडल एक्ट के तहत बंद हो गया है. उसी के चलते तुलावटी व व्यापारियों में भुगतान को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिसके चलते नीलामी का कार्य रुक गया, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं.

वहीं जब इस मामले को लेकर किसानों से चर्चा की तो उन्होंने भी बताया कि हम सुबह 11 बजे से उपज लेकर खड़े हैं, पर व्यापारियों व तुलावटियों के बीच उपज की तोल को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिससे नीलामी रुक गई. दिनभर की माथापच्ची के बाद शाम 4 बजे फिर से मंडी में नीलामी शुरू हुई.

मॉडल एक्ट के कारण मंडी तुलावटी के रोजगार पर भी तलवार लटकी हुई नजर आ रही है. इस पूरे मामले को लेकर जब सभी पक्षों के जिम्मेदारों से चर्चा करनी चाही तो सभी लोग नजर चुराते हुए बगले झांकने लगे व इस मुद्दे पर सभी चुप्पी साध लिए.

उज्जैन। घट्टिया विधानसभा क्षेत्र की उन्हेल कृषि उपज मंडी में एक पखवाड़े से भी अधिक वक्त गुजर जाने के बाद भी व्यवस्थाएं नहीं सुधर पा रही हैं, जिसके चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है. कभी व्यापारी हड़ताल पर चले जाते हैं तो कभी तुलावटी और जब दोनों वापस आ जाते हैं तो मॉडल एक्ट इस व्यवस्था में टांग अड़ा देता है. आठ दिन की हड़ताल के बाद मंगलवार को फिर से नीलामी का काम शुरू हो रहा था, तभी व्यापारियों व तुलावटी के बीच विवाद हो गया, जिसके चलते फिर से मंडी में नीलामी रोक दी गई.

इस मामले को लेकर पड़ताल की गई तो पता चला कि शासन द्वारा मॉडल एक्ट के तहत किसान से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जानी चाहिए, जिसके चलते पुरानी व्यवस्था के अनुसार तोल कांटे के दौरान तोल में उपज की कुछ वजन की कमी कर तुलावटी व हम्मालों को जो भुगतान किया जाता था, वो मॉडल एक्ट के तहत बंद हो गया है. उसी के चलते तुलावटी व व्यापारियों में भुगतान को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिसके चलते नीलामी का कार्य रुक गया, जिससे किसान परेशान हो रहे हैं.

वहीं जब इस मामले को लेकर किसानों से चर्चा की तो उन्होंने भी बताया कि हम सुबह 11 बजे से उपज लेकर खड़े हैं, पर व्यापारियों व तुलावटियों के बीच उपज की तोल को लेकर विवाद शुरू हो गया, जिससे नीलामी रुक गई. दिनभर की माथापच्ची के बाद शाम 4 बजे फिर से मंडी में नीलामी शुरू हुई.

मॉडल एक्ट के कारण मंडी तुलावटी के रोजगार पर भी तलवार लटकी हुई नजर आ रही है. इस पूरे मामले को लेकर जब सभी पक्षों के जिम्मेदारों से चर्चा करनी चाही तो सभी लोग नजर चुराते हुए बगले झांकने लगे व इस मुद्दे पर सभी चुप्पी साध लिए.

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