उज्जैन। शहर के थाना नीलगंगा पुलिस को धोखाधड़ी के एक मामले में मप्र सड़क विकास निगम के महाप्रबंधक दीपक शर्मा द्वारा 7 फरवरी 4 माह पूर्व एक शिकायत प्राप्त हुई थी. इसमें कहा गया था कि उज्जैन के उन्हेल व रतलाम के जावरा के बीच टोल का जिम्मा नागपुर की टॉपवर्थ प्राइवेट इंफ्रा लिमिटेड के संचालक सुरेंद्र लोढ़ा व दीपक कटवार के पास था. कंपनी के डायरेक्टर ने मिलकर वर्ष 2018 से 2020 के बीच की 45 करोड़ की राशि में से 23 करोड़ 37 लाख का गबन किया और राशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया है.
पुलिस को मिली सात दिन की रिमांड : कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार प्रदेश सड़क विकास निगम ने कंपनी के साथ जॉइंट खाता खोला था. इसमें सड़क की देखरेख व मरम्मत के कार्य के लिए 45 करोड़ की राशि जमा की गई थी और उसी में से 23 करोड़ 37 लाख की राशि कंपनी के डायरेक्टर द्वारा धोखाधड़ी से गायब कर दी गई. पुलिस ने महाप्रबंधक दीपक की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण 420, 409 में पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया था. 4 माह बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र लोढ़ा को गिरफ्तार कर मंगलवार को न्यायालय पेश किया व 7 दिन का रिमांड लिया है. आरोपी से पूछताछ जारी है.
नागपुर से किया गिरफ्तार : थाना प्रभारी तरुण कुरील ने बताया कि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के महाप्रबंधक दीपक शर्मा द्वारा रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी कि जिस कंपनी को उन्हेल से जावरा तक के टोल का ठेका दिया था. उस कंपनी के संचालकों ने 23 करोड़ की राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर धोखाधड़ी की है. दो आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था. एक आरोपी सुरेंद्र को नागपुर से गिरफ्तार किया है. उसे न्यायालय में पेश कर 7 दिन का रिमांड लिया गया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. अन्य आरोपी की तलाश जारी है.