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संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की उठाई मांग, सीएम को लिखे पत्र पर खून से किया हस्ताक्षर

संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने के लिए सीएम कमलनाथ को खून भरा पत्र लिखा है. संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित नहीं करने पर सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है

सीएम को लिखे पत्र पर खून से किया हस्ताक्षर
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Published : Apr 19, 2019, 9:15 PM IST

उज्जैन। शहर को पवित्र नगरी घोषित करने के लिए उज्जैन के साधु संतों ने सीएम कमलनाथ को खून भरा पत्र लिखा है. जिस पर सौ से ज्यादा साधु-संतों ने खून से हस्ताक्षर करके अपना मांग पत्र सीएम को भेजा है. हस्ताक्षर करने वालों में जैन साधु भी शामिल हुए है. इसके साथ ही संत समाज ने मांग पूरी नहीं होने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी है.

सीएम को लिखे पत्र पर खून से किया हस्ताक्षर

संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित नहीं करने पर सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. साधु संतों ने बीजपी सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने पवित्र नगरी घोषित करने के नाम पर केवल लॉलीपॉप करके उनकी मांग को खत्म कर दिया था. जिसके चलते अब उन्होंने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर मांग की है.

बीजेपी के 15 साल के शासल काल में संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी करने की मांग उठाई थी. संत समाज का मानना था कि बीजेपी उनकी मांग को पूरा करेगी लेकिन उनका आरोप है कि 15 साल में सिर्फ उन्हें आश्वासन ही दिये गये.

उज्जैन। शहर को पवित्र नगरी घोषित करने के लिए उज्जैन के साधु संतों ने सीएम कमलनाथ को खून भरा पत्र लिखा है. जिस पर सौ से ज्यादा साधु-संतों ने खून से हस्ताक्षर करके अपना मांग पत्र सीएम को भेजा है. हस्ताक्षर करने वालों में जैन साधु भी शामिल हुए है. इसके साथ ही संत समाज ने मांग पूरी नहीं होने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी है.

सीएम को लिखे पत्र पर खून से किया हस्ताक्षर

संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित नहीं करने पर सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है. साधु संतों ने बीजपी सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने पवित्र नगरी घोषित करने के नाम पर केवल लॉलीपॉप करके उनकी मांग को खत्म कर दिया था. जिसके चलते अब उन्होंने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर मांग की है.

बीजेपी के 15 साल के शासल काल में संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी करने की मांग उठाई थी. संत समाज का मानना था कि बीजेपी उनकी मांग को पूरा करेगी लेकिन उनका आरोप है कि 15 साल में सिर्फ उन्हें आश्वासन ही दिये गये.

Intro:उज्जैन संत समाज ने मुख्यमंत्री को लिखा खून भरा पत्र 100 से अधिक संतो ने खून से किए हस्ताक्षर


Body:उज्जैन बीजेपी के 15 वर्ष के शासन के बाद उज्जैन के साधु संतों को अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से आस जगी है प्राचीन अवंतिका नगरी कहे जाने वाले उज्जैन शहर को पवित्र नगरी घोषित करने के लिए उज्जैन के साधु संतों ने कमलनाथ को खून भरा पत्र लिखा है जिस पर 100 से अधिक साधु-संतों ने खून से हस्ताक्षर किए इनमें जैन साधु भी शामिल हुए और उज्जैन नगरी को पवित्र नगरी घोषित नहीं करने की स्थिति में संत समाज ने सड़क पर उतरने की भी चेतावनी दी है।



Conclusion:उज्जैन धार्मिक नगरी कही जाने वाली उज्जैन नगरी के साधु संतों को अब कांग्रेसी सरकार से आस है वह भी तब जब पूरे देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं इसके चलते उज्जैन के 100 अधिक साधु-संतों ने कमलनाथ को खून भरा पत्र लिखा है जिसमें उज्जैन नगरी को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग की गई है जिसमें संत समाज ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित नहीं करने पर सड़क पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है साधु संतों ने भाजपा सरकार पर नाराजगी जताते हुए बताएं कि उनकी सरकार होने के बावजूद पिछली सरकार ने पवित्र नगरी घोषित करने के नाम पर केवल लॉलीपॉप देकर उनकी मांग को खत्म कर दिया था जिसके चलते वह अब कमलनाथ को पत्र लिखकर इसकी मांग कर रहे हैं बता दे कि भगवा पार्टी मानी जाने वाली भाजपा का प्रदेश में 15 वर्ष शासन रहा कांग्रेस के 10 वर्ष की सरकार के बाद 2004 में भगवाधारी उमा भारती के बूते पर ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी जो 2018 लेकिन इन 15 वर्षों में उज्जैन नगरी को पवित्र नगरी घोषित नहीं किया जा सका जबकि 15 वर्ष के अंतराल में उज्जैन में दो बार सिहंस्थ मेले का आयोजन भी किया गया इसी दौरान कई साधु-संतों ने उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित करने की मांग की लेकिन प्राचीन नगरी अवंतिका अर्थात उज्जैन को पवित्र नगरी घोषित नहीं किया जा सका



बाइट---अरिहंत ऋषि ऊर्जा गुरु साधु

बाइट---ज्ञानदास महामंडलेश्वर
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