उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौधन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 'गौ कैबिनेट' का गठन किया है, लेकिन प्रदेश की गौशालाओं में गायों की स्थिति में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. सरकारी दावों का रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम उज्जैन के कपिला गौशाला पहुंची, यहां क्षमता से अधिक गायों को रखा गया है, जिसकी वजह से गायों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. वहीं 2019 से अभी तक यहां 97 गायों की मौत हो चुकी है. प्रदेश सरकार भले ही गौ- कैबिनेट का गठन कर बड़े- बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है.
- गौशाला में क्षमता से ज्यादा रखी गई गाय
उज्जैन से 12 किलोमीटर की दूरी पर कपिला गौशाला का निर्माण नगर निगम द्वारा 2018 में किया गया था. करीब 2 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस गौशाला का सालाना बजट करीब 7 लाख रुपये है. कपिला गौशाला में 450 पशुओं को रखने की जगह है, लेकिन यहां करीब 549 गाए रखी गई है. गायों के खाने पीने और उनकी देखभाल करने के लिए नगर निगम के कर्मचारी सहित डॉक्टर भी रखे हुए हैं. लेकिन भारी भरकम बजट होने के बाद भी यहां लगातार गायों मौत की खबरें आती रहती हैं. कई बार नगर निगम ने गौशाला को अन्य एजेंसी को देने की कोशिश की, लेकिन आज भी कपिला गौशाला का संचालन नगर निगम की ओर से ही किया जा रहा है.
- एक ही शेड में रखी गईं 549 गाय
गौशाला में हो रही लापरवाही पर जब ईटीवी भारत की टीम रियलिटी चेक करने पहुंची, तो देखने को मिली कि 6 टीन शेड होने के बावजूद एक ही शेड में 549 गाय रखी गई है. गायों को बाहर घूम के लिए गौशाला के पास ही बने मैदान में छोड़ा जाता है, लेकिन शाम को सभी को एक ही टिन शेड के अंदार कर दिया जाता है. हालांकि गायों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी और खाने की व्यवस्था दिखाई दी, लेकिन लगातार गायक के मरने और बीमार पड़ने से कपिला गौशाला की व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं.
गौशाला में अब तक 97 गायों की मौत
कपिला गौशाला में जनवरी 2019 में 89 गाय मर चुकी हैं. वहीं अभी कुछ दिन पहले भी गाय के मरने का सिलसिला शुरू हुआ और देखते ही देखते पिछले 30 दिनों में 8 गायों ने दम तोड़ दिया. जब गायों के मरने वजह यहां तैनात कर्मचारियों से पूछा गया तो उनका कहना है कि प्लास्टिक खाना से गायों की मौत हो रही है. गौशाला में देखरेख के लिए नगर निगम ने 27 कर्मचारियों को नियुक्त किया हुआ है, जो गायों को चारा और पानी देते हैं. साथ ही एक डॉक्टर की टीम को भी नियुक्त कर रखा है, लेकिन इतनी व्यवस्था होने के बावजूद भी यहां पर यहां लगातार गायों की मौत हो रही है. वहीं जब नगर निगम के आला अधिकारियों से हमने बात करना चाही तो उन्होंने कपिला गौशाला के विषय पर बात करने से मना कर दिया.