उज्जैन। महाकाल मंदिर के पास प्रसिद्ध बड़े मंदिर में भगवन गणेश को 7 फीट व्यास की राखी बांधी जायेंगी. दरअसल भगवन गणेश की मूर्ति 15 फीट से अधिक लंबी है. इसी कारण उन्हें इस बार बड़ी राखी बांधी जायेगी. भगवान गणेश को देश और विदेश की कई महिलायें अपना भाई मानती हैं और उन्हें हर साल अमेरिका, सिंगापुर, दुबई से राखी आती है. इसके अलावा मुम्बई, राजस्थान, महाराष्ट्र, इंदौर और अन्य शहरों से बहनें अपने भाई गणेश जी के लिए राखी भेजती हैं. इस बार भी ये राखियां कोरियर के माध्यम से उज्जैन पहुंची है. रक्षाबंधन के त्योहार पर सर्वप्रथम गणेश भगवान को राखी बांधी जाएगी.
राखी पर भारत का चित्रांकन: इस राखी पर भारत का चित्र बना है और मंत्र व प्रार्थना लिखी है. मंत्र के माध्यम से यह कहा है कि "भगवान गणेश सभी के भाई हैं, क्योंकि पार्वती और शिव को जगत माता और पिता माना जाता है. इसलिए वे सभी बहनों के भाई हैं. गणेश जी की प्रतिमा 15 फीट ऊंची और 12 फीट चौड़ी है. इस विशाल प्रतिमा के लिए विशाल राखी भी बनवाई है. मंदिर संस्थापक पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार, राखी आरती पूजन के साथ भगवान को यह राखी अर्पित की जाएगी. बड़ा गणेश के लिए बैंगलुरू, कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई, राजस्थान, इंदौर व भोपाल और अन्य स्थानों के अलावा अमेरिका के कैलिफोर्निया, लंदन, सिंगापुर से राखियां भी कोरियर के माध्यम से उज्जैन पहुंची है, जो भगवान गणेश के हाथों पर बांधी जाएगी.
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शुभ मुहूर्त में बांधी जाएगी राखी: उज्जैन पंडित आनंद शंकर व्यास के अनुसार, इस बार रक्षाबंधन पर दिन में भद्रा होने से भगवान बड़े गणेश को रात 9 बजे राखी बांधी जाएगी. भद्रा के साए में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए रात को 8 बजकर 50 मिनट पर भद्रा समाप्त होने के बाद भगवान को राखी बांधी जाएगी. धार्मिक ग्रंथों में भद्रा के संबंध में अलग-अलग विचार प्रकट किया गया है. कुल मिलाकर जब भद्रा का वास पृथ्वी लोक या भूलोक पर हो तब उस भद्रा का त्याग कर देना चाहिए. भद्रा की समाप्ति की प्रतीक्षा करनी चाहिए और उसके बाद ही रक्षा बंधन का पर्व मनाना चाहिए.