उज्जैन। शहर में प्रत्येक पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाए जाने की परंपरा है, लेकिन आज त्रिवेणी स्थित शनि नव ग्रह मंदिर में शनि जयंति पर श्रद्धालुओं के आने और नदी में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. इस साल शनि जयंती के पर्व पर मंदिर के पुजारी ही पूजा कर सकेंगे. इसकी जानकारी SDM कल्याणी पांडे ने दी है. वहीं पुजारी ने भी लोगों से घर में पूजा करने की अपील की है.
घर में करें शनिदेव पूजा
ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर आज शुभिक्षकारक योग में भगवान शनिदेव का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. शहर के शनि मंदिरों में सबसे पहले पुजारी भगवान का अभिषेक, पूजन और श्रृंगार करेंगे. भगवान को भोग लगाया जाएगा और महाआरती की जाएगी. प्रत्येक साल इस अद्भुत दृश्य के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण ने इस बार सबको घर बैठने पर मजबूर किया है, जिला प्रशासन ने भी तमाम धार्मिक स्थलों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है.
इस वजह से निकाली गई भगवान सूर्य की सवारी, शनिदेव के कमरे में हुए विराजमान
महिलाएं करती है वट वृक्ष का पूजन
ज्येष्ठ कृष्ण की अमावस्या को भावुका और वट सावित्री अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन पितरों की प्रसन्नता के लिए पितृ कर्म और घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए वट वृक्ष के पूजन का विधान बताया गया है, धार्मिक मान्यता के अनुसार महिलाएं वट वृक्ष की पूजा भी करती हैं.