उज्जैन। सावन आते ही उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों का हुजूम लगना शुरू हो जाता है. इस दौरान सबसे ज्यादा कांवड़ यात्रियों की ही भीड़ उमड़ती है, लेकिन इस बार ये कांवड़ यात्री बाबा महाकाल के दर्शन नहीं कर पाएंगे. मंदिर में कांवड़ यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि जिसे भी मंदिर में प्रवेश लेना है उसे प्री-बुकिंग करानी ही पड़ेगी.
आपको बता दें, फिलहाल मंदिर में 3500 श्राद्धलू प्री-बुकिंग के मध्याम से, और करीब डेढ़ हजार श्राद्धलू 251 रुपए की रसीद कटवाकर दर्शन कर सकते हैं. जुलाई के अंत तक यह सख्या 5 गुना तक बढ़ने की उम्मीद है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का साफ कहना है कि कोरोना को देखते हुए कोई ढील नहीं दी जाएगी. श्रद्धालू प्री-बुकिंग के माध्यम से ही दर्शन कर सकेंगे.
गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक
गुरुवार शाम को बृहसपति भवन में मंदिर प्रबंध समिति की बैठक होगी. जिसमें मंदिर में प्रवेश से जुड़े मसले पर फैसला लिया जाएगा. यह साफ है कि प्री-बुकिंग और 251 रुपए की रसीद के माध्यम से ही श्रद्धालू दर्शन कर सकेंगे. मंदिर में प्रवेश करने वालों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. हालांकि राज्य शासन ने जुलुस और सभी धार्मिक यात्रा प्रतिबंधित रखी है.
जुलाई में शुरू होगा सावन माह
हिंदू धर्म का सबसे पवित्र माह सावन का महीना इसी जुलाई में आरंभ हो रहा है. 24 जुलाई को आषाढ़ मास के समाप्त होते ही 25 जुलाई से सावन मास का आरंभ हो जाएगा, जो की 22 अगस्त तक चलेगा. सावन के महीने में इस बार कुल 4 सोमवार पड़ेंगे. पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. सावन के महीने में पूरा शहर शिव मय दिखाई देता है. सभी सोमवार और भादौ माह की अमावस्या से पहले आने वाले सोमवार को महाकाल की सवारी निकाली जाती है.