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गधों की महफिल में दिखे 'ओवैसी', 'इमरान' और 'सिद्धू', 5000 से 25000 तक लगी बोली - गधे

उज्जैन में गधों के मेले में ओवैसी, इमरान खान और सिद्धू नजर आए. गधे के मालिकों का कहना है कि वह लोगों को बताना चाहते हैं कि ओवैसी, इमरान खान और सिद्धू सच में गधे ही हैं.

गधे के मेले में नजर आए ओवेसी, इमरान खान और सिद्धू
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Published : Nov 11, 2019, 1:55 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 4:29 PM IST

उज्जैन। उज्जैन में आयोजित गधों की महफिल में ओवैसी-सिद्धू से लेकर इमरान खान तक नजर आये, जिनकी बोली 5000 से लेकर 25000 तक लगी, इसके बावजूद खरीददारों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई, जबकि इन गधों के मालिकों ने अच्छी कीमत पाने के लिए गधों का नामकरण किया था.

गधों की महफिल में दिखे ओवैसी, इमरान और सिद्धू

उज्जैन में हर साल क्षिप्रा नदी किनारे देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक गधों का मेला लगता है. हर साल प्रदेश भर के व्यापारी उज्जैन मेले में गधों की बिक्री और खरीदी के लिए आते हैं. इस मेले में गधों की कीमत ₹5000 से ₹25000 तक रहती है. गधों का ये मेला देश भर में प्रसिद्ध है. गधे के मालिकों का कहना है कि वह लोगों को बताना चाहते हैं कि ओवैसी, इमरान खान और सिद्धू सच में गधे ही हैं. वह देश के किसी काम तो आ नहीं सकते, उनके नाम से गधों की बिक्री अच्छी हो जाती है.

गधों के मेले में खास बात ये है कि सभी गधों के नाम अद्भुत दिखाई देते हैं. पहले के समय में लोग गधे को बोझ ढोने में इस्तेमाल करते थे, लेकिन मशीनी युग में गधों की कीमत कम हो गई है.

उज्जैन। उज्जैन में आयोजित गधों की महफिल में ओवैसी-सिद्धू से लेकर इमरान खान तक नजर आये, जिनकी बोली 5000 से लेकर 25000 तक लगी, इसके बावजूद खरीददारों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई, जबकि इन गधों के मालिकों ने अच्छी कीमत पाने के लिए गधों का नामकरण किया था.

गधों की महफिल में दिखे ओवैसी, इमरान और सिद्धू

उज्जैन में हर साल क्षिप्रा नदी किनारे देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक गधों का मेला लगता है. हर साल प्रदेश भर के व्यापारी उज्जैन मेले में गधों की बिक्री और खरीदी के लिए आते हैं. इस मेले में गधों की कीमत ₹5000 से ₹25000 तक रहती है. गधों का ये मेला देश भर में प्रसिद्ध है. गधे के मालिकों का कहना है कि वह लोगों को बताना चाहते हैं कि ओवैसी, इमरान खान और सिद्धू सच में गधे ही हैं. वह देश के किसी काम तो आ नहीं सकते, उनके नाम से गधों की बिक्री अच्छी हो जाती है.

गधों के मेले में खास बात ये है कि सभी गधों के नाम अद्भुत दिखाई देते हैं. पहले के समय में लोग गधे को बोझ ढोने में इस्तेमाल करते थे, लेकिन मशीनी युग में गधों की कीमत कम हो गई है.

Intro:उज्जैन गधों के मेले में ओवेसी, इमरान खान,और सिद्धू के नाम के गधे बिकने आए उज्जैन के गधे के मेले में


Body:उज्जैन अकबर उद्दीन ,सिद्धू और इमरान खान उज्जैन में दिखाई दिए और वह भी एक गधे के मेले में अरे कहीं आप यह तो नहीं सोच रहे हैं कि यह सभी उज्जैन में क्या कर रहे हैं लेकिन आप गलत सोच रहे हैं दरअसल उज्जैन में हर साल लगने वाले गधे के मेले में ओवैसी, सिद्धू और इमरान नाम के गधे बिकने के लिए आए हैं


Conclusion:उज्जैन में हर वर्ष शिप्रा नदी के किनारे देवउठनी ग्यारस से कार्तिक पूर्णिमा तक गधों का मेला लगता है हर साल प्रदेश भर के व्यापारी उज्जैन मेले में गधों की बिक्री खरीदी करने के लिए आते हैं कई राज्यों से व्यापारी उज्जैन में गधे की खरीदी करने पड़ते हैं इस मेले में गधों की कीमत यहां ₹5000 से ₹25000 तक रहती है यह गधे का मेला देश भर में प्रसिद्ध है इस मेले में कई बड़े और छोटे खरीदार आते हैं गधों के मेले में खास बात यह है कि सभी गधों के नाम अद्भुत दिखाई देते हैं यह से यह ओवैसी तो साथ ही पास में खड़ा इमरान खान वही सिद्धू नाम के गधे भी बिकने के लिए तैयार हैं गधों को दांतो के देख कर खरीदी होती है और बड़ी संख्या में खरीदार उज्जैन पहुंच रहे हैं गौरतलब है कि आज से कई साल पहले गधे कुमार और रजक समाज के लोगों का बोझा ढोने के काम आता था लेकिन मशीनी युग ने गधों की कीमत कम कर दी अब छोटे व्यापारी गधों से अपना काम चला रहे हैं।


बाइट--- मनोज प्रजापति व्यापारी गधों का
Last Updated : Nov 11, 2019, 4:29 PM IST
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