उज्जैन। NSUI ने विक्रम विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद सदस्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन का अनूठा तरीका अपनाया. NSUI कार्यकर्ताओं ने गधों को गुलाब जामुन खिलाए. उनको हार पहनाए और लिफाफा देकर स्वागत किया. इस बीच कार्यपरिषद सदस्यों और रजिस्ट्रार के खिलाफ नारेबाजी भी जारी रही.
कार्यपरिषद के सदस्यों पर लगाए गंभीर आरोप : एनएसयूआई ने विक्रम विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं, छात्र संगठन का कहना है कि कार्यपरिषद के सदस्य जमकर चांदी काट रहे हैं. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा चुकाई जा रही फीस के पैसे उनकी बेजा सुविधाओं पर खर्च किए जा रहे हैं. भ्रष्टाचार के इस खेल में कुलपति और रजिस्ट्रार भी शामिल है.
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फंड का दुरुपयोग किया जा रहा : इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रितेश शर्मा ने कहा, 'विश्वविद्यालय में बैठक के नाम पर केवल फंड का दुरुपयोग किया जाता है. कार्यपरिषद के सदस्यों को बुलाकर औपचारिकता कर ली जाती है. उन्हें लिफाफे देकर मनमाने डिसीजन ले लिए जाते हैं. इनका स्टूडेंट्स की परेशानियों से कुछ लेना-देना नहीं है. इस तरह से यह साफ है कि कार्यपरिषद के नाम पर यहां केवल गधे ही गुलाब जामुन खा रहे हैं.'
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विश्वविद्यालय से कराया जा रहा अनाधिकृत खर्च : NSUI नेताओं ने बताया, 'इसी मिलीभगत से कार्यपरिषद के सदस्य राजेश कुशवाह ने अपने भाई को यूनिवर्सिटी का वकील घोषित करा लिया. एक अन्य सदस्य संजय नाहर खुलेआम चीटिंग करते हैं और कोई कार्रवाई नहीं होती. ममता पेंडवाल इंट्रेस एग्जाम में फेल होने के बावजूद PHD कर रही हैं. इसी प्रकार विनोद यादव ने अपने परिचित की क्रीडा विभाग में तैनाती करा ली है. वहीं, सचिन दवे अनाधिकृत यात्राएं कर रहे हैं. जिसका खर्च यूनिवर्सिटी से लिया जा रहा है. इसी अंधेरगर्दी के खिलाफ ही हमने यह प्रदर्शन किया है. हम चाहते हैं कि इन सदस्यों को कार्यपरिषद से हटाया जाए.'