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बाबा महाकाल मंदिर समिति के सदस्य को नोटिस, कांग्रेस नेताओं को VVIP एंट्री देने का आरोप

उज्जैन के महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अशासकीय सदस्य दीपक मित्तल को नोटिस जारी किया गया है. उन पर आरोप है कि, उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस नेताओं को मंदिर में VVIP एंट्री दी.

Mahakal Temple
महाकाल मंदिर
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Published : Nov 20, 2020, 9:57 PM IST

उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अशासकीय सदस्य दीपक मित्तल को समिति के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने पद से हटाने व दंडात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया, साथ ही उन्हें जल्द ही जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था. उन्होंने आज अपना जवाब प्रशासन को भेज दिया है. दीपक मित्तल पर आरोप है कि, बुधवार को कांग्रेस नेताओं को कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर मंदिर में बिना अनुमति प्रवेश दिया. दीपक मित्तल ने मंदिर की धर्मशाला वाले वीवीआईपी गेट से कांग्रेस के नेताओं को बिना अनुमति प्रवेश कराया था.

बाबा महाकाल समिति के सदस्य को नोटिस

दो नोटिस जारी

प्रशासन ने मित्तल को मंदिर समिति सदस्य पद से हटाने और दंडात्मक कार्रवाई के दो नोटिस जारी किए हैं. जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि, जवाब नहीं आने पर एक पक्षीय कार्रवाई होगी. हालांकि इस मामले में उन्होंने अपना जवाब भेज दिया है. उन्होंने अपने जवाब में क्या स्पष्टीकरण दिया है, इस बारे में जानकारी नहीं लग पाई है.

क्या कहा गया था नोटिस में ?

नोटिस में प्रशासक ने कहा, 'मित्तल का कृत्य महाकाल मंदिर अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है'. दूसरे नोटिस में लिखा है, 'इस अवचार के लिए क्यों न आपको मंदिर समिति सदस्य पद से हटाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाए'.

पुरोहित को भी नोटिस जारी किया

प्रशासक ने मंदिर के पुरोहित विनोद व्यास को भी नोटिस जारी किया है. इसमें बताया गया है कि, 12 नवंबर को व्यास ने अपने परिवार के एक सदस्य को अनधिकृत रूप से गर्भगृह में प्रवेश कराकर पंचामृत पूजन कराया था.

गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित

7 जून को जारी आदेश के अनुसार समस्त श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसके बाद भी इस आदेश की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई गईं. लिहाजा पुरोहित से भी कहा गया कि, क्यों न आपके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.

कलेक्टर और एसपी ने कही कार्रवाई की बात

कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने स्पष्ट किया है कि, मंदिर में किसी भी तरह अनाधिकृत रूप से प्रवेश पर सख्त पाबंदी है. मंदिर प्रशासन समय-समय पर इस संबंध में व्यवस्था करता आया है. इसी कड़ी में बार कोड सिस्टम भी लागू किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि, मंदिर में अगर इस तरह की कोई करतूत करता है, तो चाहे वो कोई भी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अशासकीय सदस्य दीपक मित्तल को समिति के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने पद से हटाने व दंडात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया, साथ ही उन्हें जल्द ही जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था. उन्होंने आज अपना जवाब प्रशासन को भेज दिया है. दीपक मित्तल पर आरोप है कि, बुधवार को कांग्रेस नेताओं को कमलनाथ के जन्मदिन के मौके पर मंदिर में बिना अनुमति प्रवेश दिया. दीपक मित्तल ने मंदिर की धर्मशाला वाले वीवीआईपी गेट से कांग्रेस के नेताओं को बिना अनुमति प्रवेश कराया था.

बाबा महाकाल समिति के सदस्य को नोटिस

दो नोटिस जारी

प्रशासन ने मित्तल को मंदिर समिति सदस्य पद से हटाने और दंडात्मक कार्रवाई के दो नोटिस जारी किए हैं. जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि, जवाब नहीं आने पर एक पक्षीय कार्रवाई होगी. हालांकि इस मामले में उन्होंने अपना जवाब भेज दिया है. उन्होंने अपने जवाब में क्या स्पष्टीकरण दिया है, इस बारे में जानकारी नहीं लग पाई है.

क्या कहा गया था नोटिस में ?

नोटिस में प्रशासक ने कहा, 'मित्तल का कृत्य महाकाल मंदिर अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है'. दूसरे नोटिस में लिखा है, 'इस अवचार के लिए क्यों न आपको मंदिर समिति सदस्य पद से हटाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाए'.

पुरोहित को भी नोटिस जारी किया

प्रशासक ने मंदिर के पुरोहित विनोद व्यास को भी नोटिस जारी किया है. इसमें बताया गया है कि, 12 नवंबर को व्यास ने अपने परिवार के एक सदस्य को अनधिकृत रूप से गर्भगृह में प्रवेश कराकर पंचामृत पूजन कराया था.

गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित

7 जून को जारी आदेश के अनुसार समस्त श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसके बाद भी इस आदेश की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई गईं. लिहाजा पुरोहित से भी कहा गया कि, क्यों न आपके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए.

कलेक्टर और एसपी ने कही कार्रवाई की बात

कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने स्पष्ट किया है कि, मंदिर में किसी भी तरह अनाधिकृत रूप से प्रवेश पर सख्त पाबंदी है. मंदिर प्रशासन समय-समय पर इस संबंध में व्यवस्था करता आया है. इसी कड़ी में बार कोड सिस्टम भी लागू किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि, मंदिर में अगर इस तरह की कोई करतूत करता है, तो चाहे वो कोई भी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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