उज्जैन। शिप्रा शुद्धिकरण और शहर को खुले नाले-नालियों से मुक्त करने के लिए सीवरेज पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था. निगम ने 6 नवंबर 2017 से इसकी शुरुआत की. तय किया गया था कि कंपनी नवंबर 2019 तक शहर में 540 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाएगी और सुरसा में ट्रीटमेंट प्लांट बनाएगी. लेकिन करीब 4 साल हो गए हैं, अभी तक शहर में पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया ने पाइपलाइन बिछाने में गड़बड़ी पकड़ी है. उन्होंने राज्य सरकार और नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर इस संबंध में जानकारी दी. सांसद ने ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरतने की बात लिखी है. वहीं मामले में नगर निगम कमिश्नर ने ठेकेदार को नोटिस भी जारी किया है.
सांसद अनिल फिरोजिया ने लिखा पत्र
नगर निगम द्वारा अमृत मिशन के तहत बिछाई जा रही सीवरेज पाइपलाइन में बड़ी गड़बड़ी सांसद अनिल फिरोजिया ने पकड़ी है. उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर गड़बड़ी की जानकारी दी और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए. सांसद अनिल फिरोजिया ने लिखा, 'गऊघाट क्षेत्र में सीवरेज ट्रंक लाइन डालने में आधा मीटर का लेवल डिफरेंस कर दिया गया है, यह बड़ी गड़बड़ी है, इससे लेवल बिगड़ेगा और भविष्य में पाइपलाइन चोक होने की समस्या आएगी. जिससे पूरा शहर परेशान हो सकता है. यहां सिंहस्थ का स्नान भी होता है. इस तरह की गड़बड़ी रामघाट क्षेत्र में भी की गई थी. इस कारण सिंहस्थ 2016 में शाही स्नान के पहले चेंबर चौक होने से रामघाट पर गंदा पानी फैला था. यह प्रोजेक्ट धीमा चल रहा है'. सांसद फिरोजिया ने नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को पत्र भेज गड़बड़ी ठीक करने को कहा है. उन्होंने प्रोजेक्ट में शहर के शेष हिस्से को भी शामिल करने को कहा.
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कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
इधर इस पूरे मामले में नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने कहा, सांसद जी का पत्र मिला है, जिसमें कुछ शिकायतें सामने आई हैं. जांच करवाई जा रही है, बाकी कामों को भी देख रहे हैं, काम अगर ठीक से नहीं हो रहा है तो कार्रवाई की जाएगी.
टाटा कंपनी पर पहले भी लग चुका जुर्माना
पहले भी लाइन बिछाने के लिए खोदी गई सड़कों को समय पर ठीक से मरम्मत नहीं करने और जनता को समस्या झेलने के भी कई मामले सामने आए थे. प्रोजेक्ट के धीमे कार्य को लेकर पूर्व निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने टाटा कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी. उन्होंने प्रोजेक्ट की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कंपनी पर 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश भी दिया था.