उज्जैन। मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा रविवार को कारसेवक सम्मान समारोह नागदा में माता सीता को लेकर दिए गए विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. (MP Minister Mohan Yadav Controversial Statement) इस विवादित बयान का वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सीएम शिवराज से मंत्री मोहन यादव को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है. इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ता और एनएसयूआई के नेताओं ने मंत्री मोहन यादव का पुतला दहन कर मंत्री के स्तीफे की मांग की है.
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यदि शिवराज जी आप में थोड़ा सा भी मॉं सीता व भगवान राम के प्रति श्रद्धा व आस्था है तो मंत्री मोहन यादव को तत्काल बर्खास्त करो।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 21, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हे तथा कथित राम भक्तों, हे बजरंग दल के बाहुबलियों तुम कहॉं छिपे हो?
मंत्री के इस्तीफ़े की मॉंग करोगे?@INCMP @CMMadhyaPradesh @BJP4India @VHPDigital https://t.co/FM0ibGJFsx
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— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 21, 2022
हे तथा कथित राम भक्तों, हे बजरंग दल के बाहुबलियों तुम कहॉं छिपे हो?
मंत्री के इस्तीफ़े की मॉंग करोगे?@INCMP @CMMadhyaPradesh @BJP4India @VHPDigital https://t.co/FM0ibGJFsxयदि शिवराज जी आप में थोड़ा सा भी मॉं सीता व भगवान राम के प्रति श्रद्धा व आस्था है तो मंत्री मोहन यादव को तत्काल बर्खास्त करो।
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हे तथा कथित राम भक्तों, हे बजरंग दल के बाहुबलियों तुम कहॉं छिपे हो?
मंत्री के इस्तीफ़े की मॉंग करोगे?@INCMP @CMMadhyaPradesh @BJP4India @VHPDigital https://t.co/FM0ibGJFsx
माफी मांगे मंत्री: कांग्रेस कार्यकर्ता और एनएसयूआई के नेताओं ने शहर के टावर चौक पर मंत्री मोहन यादव के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मंत्री के बर्खास्तगी की मांग की है. बजरंग दल पर निशाना साधते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि, अब कहां गए बजरंगी जय जय श्रीराम के नारे लगाने वाले. अब उनकी भावनाएं क्यों आहत नहीं हो रही. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह विरोध लगातार जारी रहेगा जब तक मंत्री माफी नहीं मांगेंगे.
ये है पूरा मामला: मध्यप्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को उज्जैन के नागदा में कारसेवक सम्मान समारोह में माता सीता को लेकर विवादित बयान दिया था. इस बयान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिस पर मंत्री जी अब अपनी तरफ से सफाई दे रहें हैं. मंत्री ने कहा था कि 'मर्यादा के कारण राम ने सीता को छोड़ा था. उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया. कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामना करती रहीं. आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है'.
कारसेवक सम्मान समारोह में शामिल थे मंत्री: कार्यक्रम में कारसेवकों को संबोधित करते हुए डॉ. यादव ने कहा था कि 'जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लाए, उन्हें गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण छोड़ना पड़ा. उस सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़े, वह माता इतने कष्ट के बावजूद भी पति के प्रति कितनी श्रद्धा करती है कि वह कष्टों को भूल कर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है. भगवान राम के गुणों को बताने के लिए उन्होंने बच्चों को भी संस्कार दिए' डॉ यादव ने उनके धरती में समाने को लेकर भी बात कही और बोले कि 'आज की भाषा में इसे आत्महत्या कहा जाता है'.