उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के आंगन में महाशिवरात्रि पर्व पर भक्तों में बड़ा जोश व उत्साह देखने को मिलता है. बाबा महाकाल के आंगन में भक्तों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह और मंदिर प्रबंधक समिति के बीच महाकाल प्रवचन हाल में बैठक संपन्न हुई, यहां विगत वर्षों की तैयारियों को पर विशेष जोर दिया गया. तमाम पुजारी, पुरोहितों की ओर से शासकीय अधिकारियों से व्यवस्थाओं के बारे में फीडबैक दिया गया.
दर्शन व्यवस्था होगी शुरू
महाकाल मंदिर अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि महाशिवरात्रि एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर होता है. खासकर उज्जैन की बात करें, तो मंदिर प्रबंधक समिति के सभी लोग पुजारी, पुरोहित व शासकीय विभाग के सभी लोग शिवरात्रि की बैठक में शामिल हुए थे. जिसमें पिछली बार की शिवरात्रि की व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई है. अब जो आने वाली शिवरात्रि है, उसमें क्या बदलाव लाना है, सबके फीडबैक लिए गए हैं. एरिया मंदिर में भी विस्तारीकरण को लेकर काम चल रहा है, तो सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को दोबारा बैठक कर डिसीजन लिया जाना है. वहीं भस्म आरती के लिए भी शिवरात्रि के बाद बैठक कर 1 तारीख से दर्शन व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी.
कितना मजबूत महाकाल मंदिर स्ट्रक्चर ?
क्या है मान्यता ?
फागुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. महाशिवरात्रि का महत्व इसलिए है, क्योंकि यहां शिव और शक्ति का मिलन की रात है. शिव भक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद लेते हैं. हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का महत्व ज्यादा है, इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च गुरुवार के दिन मनाया जाएगी. शिवरात्रि का अर्थ है शिव जी की रात्रि और यह भगवान शिव के सम्मान में मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था. साल में होने वाली 12 शिवरात्रि में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें भारत सहित पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. उज्जैन में महाशिवरात्रि के दिन साल में एक बार दिन में भस्म आरती की जाती है.