उज्जैन। जहां पूरा देश इस समय कोरोना से जंग लड़ रहा है, तो वहीं शहर में भी कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. हर हिस्से से कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पिछले कई वर्षों से महाकाल की सेवा करने वाले पुजारी की आज कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई. पुजारी की मौत की खबर लगते ही महाकाल मंदिर के पुजारियों में शोक की लहर छा गई है. वहीं 11 दिवसीय महामर्त्युन्जय जाप में आए 70 से अधिक पण्डे-पुजारियों ने मृतक पुजारी को श्रद्धांजलि दी. हालांकि, अभी भी दो अन्य पुजारी अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे है.
महाकाल मंदिर में भी पंहुचा खतरनाक संक्रमण
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या को पहले से ही कम कर दिया गया था. वहीं वीआईपी श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ बैरिकेडिंग से ही दर्शन व्यवस्था रखी गई थी. इसके बावजूद भी महाकाल मंदिर के तीन पुजारी और चार कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए, जिसके बाद पिछले महीने संक्रमित हुए पुजारी को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन आज उनकी मौत की खबर सुनते ही पण्डे-पुजारियों में शोक की लहर दोड़ पड़ी.
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उज्जैन लाया गया शव
कोरोना गाइडलाइन के अनुसार, कोरोना से मौत के बाद शव को परिवार को नहीं सौंपा जाएगा. शव का अंतिम संस्कार निगमकर्मी और स्वास्थकर्मियों द्वारा किया जायेगा. इसके साथ ही जिस शहर में संक्रमित मरीज की मौत हुई है. शव का अंतिम संस्कार भी उसी शहर में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा, लेकिन महाकाल मंदिर में पुजारी चंद्र मोहन की मौत के मामले में कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई गई.
पुजारी की मौत के बाद उनके शव को इंदौर से उज्जैन लाया गया. अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने त्रिवेणी घाट सुरक्षित कर रखा था, लेकिन शव का अंतिम संस्कार चक्र तीर्थ पर कर दिया गया.