उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग राजाधिराज बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पहले से हो गई है. शिव नवरात्र बड़े उत्साह के साथ विश्व भर में सिर्फ महाकाल मंदिर में ही मनाया जाता है. शिव-नवरात्र के पहले दिन बाबा महाकाल को चंदन के रूप में श्रृंगार कर वस्त्र पहनाए गए. वहीं दूसरे दिन बाबा को शेषनाग धारण कराया गया. जिसके बाद तीसरे दिन बाबा जटाओं को खोल कर निराकार से साकार रूप में आ जाते हैं और घटाटोप के रूप में दर्शन देते हैं.
शिव नवरात्रि पर्वः महाकाल का होलकर महाराजा के रूप में श्रृंगार
चौथे दिन शिव का छबिना रूप में श्रृंगार देखने को मिला. पांचवें दिन बाबा होल्कर महाराज के रूप में सबके सामने प्रकट हुए, जबकि बाबा का छठे दिन मन-महेश के रूप में श्रृंगार किया गया. वहीं आज एकादशी पर्व व सातवें रूप में बाबा, उमा-महेश के रूप में माता पार्वती संग भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. साथ ही बाबा का हर रोज की तरह विभिन्न प्रकार के आभूषणों से श्रृंगार किया गया. इसी रूप में माता पार्वती के परिजनों ने बाबा को अपने दामाद के रूप में स्वीकार किया था. महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि बाबा का मनमहेश रूप मन मोहने वाला है.