उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल समय-समय पर अपने भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते रहते हैं. श्रावण भादो माह, दशहरा पर्व व दीपवाली के बाद कार्तिक अगहन माह के पहले सोमवार पर बाबा महाकाल ठीक शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से शाही ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले. सवारी निकलने से पूर्व मंदिर प्रांगण में शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा ने बाबा का पूजन किया. पूजन में एडीएम संतोष टैगोर, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल, मंदिर प्रसाशक संदीप सोनी मौजूद रहे व पालकी को कंधा देकर आगे बढ़ाया. वहीं सवारी तय समय 4 बजे मंदिर से रवाना हुई. आशीष पुजारी ने कहा मंदिर शिव और वैष्णव के हिसाब से चलता है कार्तिक अगहन माह में शिव विष्णु की पूजा का महत्व है व बाबा महाकाल की सवारी का आगामी सोमवार व रविवार, सोमवार मंगलवार तीन दीन विशेष संयोग के चलते पूजन होना है, कार्तिक अगहन माह की कुल 5 सवारी निकलेगी. जिसमें हरि हर मिलन शामिल है. (Ujjain Mahakal Tample) (Mahakal Sawari On First Monday Of Kartik Month)
हरि से हर का मिलन: बाबा महाकाल निकले अपने भक्तों का हाल जानने: दरअसल विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग उज्जैन के बाबा महाकाल ही एक मात्र ऐसे ज्योतिर्लिंग है, जो समय समय पर भक्तों का हाल जानने के लिये नगर भ्रमण पर निकलते रहते हैं. बाबा महाकाल सावन भादौ माह, दशहरा व दीपावली के बाद आज कार्तिक माह के पहले सोमवार पर नगर भ्रमण पर निकले. जिसमें हर बार की तहर सर्व प्रथम मंदिर प्रांगण में बाबा का पूजन अभिषेक मंदिर के पुजारी द्वारा सम्पन्न किया गया. आरती के पश्चात ठीक 4 बजे मंदिर प्रांगण से बाबा को नगर भ्रमण के लिए ठाठ बाट के साथ पालकी में सवार किया गया. मंदिर के मुख्य गेट पर सबसे पहले बाबा को पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त जन शामिल हुए. हर हर महादेव के जयकारों के साथ फूलों की वर्षा हुई. नियम अनुसार तय रुट से शिप्रा नदी तक पहुंची व वहां बाबा का पूजन अभिषेक किया गया. जिसके बाद दोबारा बाबा को पालकी में ही मंदिर लाया गया. सवारी 6 बजे मंदिर लौटी. आपको बता दें बाबा कार्तिक व अगहन माह के दौरान गोपाल मंदिर पहुंचकर श्री गोपाल कृष्ण (विष्णु रूप) को पृथ्वी का भार सौंपते हैं, जिसे हरि से हर के मिलन के रूप में देखा जाता है. जो 6 नवंबर की रात को 12 बजे देखने को मिलेगा.
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कब-कब निकलेगी सवारी: मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि महाकाल का मंदिर शिव और विष्णु के हिसाब से चलता है. शिव और कृष्ण रूप में विष्णु की पूजा का महत्व है, कार्तिक माह की यह पहली सवारी है, जो शाम 4 बजे निकली और 6 बजे लौटी. कार्तिक-अगहन माह में बाबा महाकाल की 5 सवारियां निकाली जाएंगी. जिसमें प्रथम सवारी सोमवार 31अक्टूम्बर को, द्वितीय सवारी 6 नवंबर की रात हरि हर मिलन, तृतीय सवारी 7 नवंबर, चतुर्थ सवारी 14 नवंबर को व अंतिम शाही सवारी 21 नवंबर को निकलेगी.
Baba Mahakal Sawari Ujjain : मनमहेश रूप में नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल
जानिए सवारी का रुट: बाबा महाकाल मंदिर से सवारी महाकाल घाटी, गुदरी, बक्शी बाजार, कहारवाड़ी के बाद सीधा श्री राम घाट पहुंची. जहां बाबा का पूजन अभिषेक हुआ. उसके बाद सवारी रामनुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चोराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार व गुदरी होते हुए शाम 6 बजे मंदिर लौटी. इस दौरान सवारी में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा. हर-हर महादेव के जयकारों की नगरी गूंज उठी. भक्तों ने दूर से फूलों की वर्षा भी की. (Ujjain Mahakal Tample) (Mahakal Sawari On First Monday Of Kartik Month) (ujjain Hari Har Mila)