उज्जैन। जातिगत आरक्षण को लेकर राजपूत समाज ने एक बार फिर संभाग स्तर पर लड़ाई शुरू कर दी है. पद्मावती फिल्म के विरोध के बाद एक बार फिर राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी, अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना व प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह चौहान के मार्गदर्शन में नानाखेड़ा से दशहरे मैदान तक रैली आयोजित की गई. इस दौरान उज्जैन की सड़कों पर 8 सूत्री मांगों को लेकर विरोध करते राजपूत सेना के सैनिक नजर आए.
इन 8 सूत्री मांगों पर भरी हूंकार
उज्जैन की सड़कों पर राजपूत करणी सेना का हुजूम देखने को मिला, जिसमें हजारों की तादाद में करणी सेना के लोग शामिल हुए. रैली उज्जैन शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए दशहरे मैदान पर समापन हुआ, यहां एक जनसभा को संबोधित किया गया.
- एससी एसटी एक्ट में संशोधन बाद झूठे प्रकरण पर रक्त जांच हो
- चुनाव में सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग के लोगों को ही चुनाव लड़ने दे
- जिला मुख्यालय में राजपूत समाज के छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा दी जाए
- आरक्षण को संविधान की नौवीं सूची में शामिल होने से रोका जाए
- एक बार आरक्षण का लाभ ले चुके लोगों को दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं मिले
- गरीब सामान्य वर्ग के छात्रों को भी छात्रवृत्ति का लाभ दिया जाए
- 10% आरक्षण जो स्वर्ण समाज के लिए है उसकी समीक्षा की जाए पात्रता की तिथि एक वर्ष की जगह 5 वर्ष की जाए
- उज्जैन जिले की घटिया तहसील का नाम प्रतापनगर किया जाए
आंदोलन के दौरान सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी का बीजेपी प्रेम भी झलका और उन्होंने विपक्ष की बुराई की. उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार को पटकनी दी, मध्य प्रदेश में भी हमने यहां महसूस कराया था. एक बार फिर राजपूत करणी सेना अपनी मांगों को लेकर उज्जैन की धरती पर उतरे हैं.
लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा हम ना कांग्रेस के साथ और ना ही भाजपा के खिलाफ. उन्होंने स्पष्ट कहा कि हम कांग्रेस के साथ नहीं हैं और बीजेपी के खिलाफ नहीं हैं. हम ना ही पक्ष है ना ही विपक्ष हम बस इतना चाहते हैं, समाज को समझो राजपूत समाज को नहीं समझोगे तो हमें समझाना आता है.