उज्जैन। विश्व भर में योग दिवस मनाया जा रहा है, जिसमें योग के सबसे बड़े गुरु बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के यूट्यूब चैनल पर चार लाख से अधिक लोगों के जुड़ेने पर मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुभकामनाएं दी. वहीं राज्यपाल कार्यक्रम में ऑफलाइन शामिल हुई. मंच पर अपनी कला को बिखेर रहे छोटे-छोटे बच्चों का भी उत्साह बढ़ाया. वहीं लोक शक्ति कार्यालय में भी मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया, पूर्व मंत्री पारस जैन सहित अन्य नेताओं ने योग किया.
विद्या भारती प्रांत के अध्यक्ष डॉक्टर कमल किशोर चितलांगिया ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन वैसे तो प्रत्येक बाल विद्या भारती योग दिवस मनाता हैं, लेकिन इस बार मालवा, मध्य भारत, महाकौशल और छत्तीसगढ़ के चार लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल संस्था के साथ ऑनलाइन जुड़ी. इस कार्यक्रम की अगुवाई रामाकृष्ण राव संस्था के अध्यक्ष द्वारा की गई.
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि योग दिवस पर अलग-अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए, ताकि सभी स्वस्थ हो सकें. वहीं उन्होंने कहा कि नियमित सिलेबस में योग का पाठ्यक्रम शामिल होगा.
International Yoga day: ऑनलाइन माध्यमों से शुरू हुई तैयारियां, योग साधक स्वस्थ रहने का दे रहे मंत्र
7वें योग दिवस की थीम
21 जून को सातवां 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस'-2021 (International Yoga Day-2021) मनाया जा रहा है. इस साल योग दिवस-2021 की थीम (International Yoga Day 2021 Theme) 'स्वास्थ्य के लिए योगा (Yoga for Well Being)' है. इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में भारत में हुई थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN Assembly) में इसका प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद से विश्व में साल 2015 से 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का आयोजन किया जा रहा है.
भारत में योग की उत्पत्ति
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से बनी हुई है, जिसका अर्थ व्यक्तिगत चेतना है. भारत में योग का इतिहास पांच हजार साल पुराना है. इसे शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है. योग कथाओं के अनुसार शिव ने सबसे पहले अपने सात शिष्यों को योग का ज्ञान दिया था.
ऐसा माना जाता है कि ग्रीष्म संक्रांति के बाद पहली पूर्णिमा के दिन इन सात ऋषियों को योग की शिक्षा दी गई थी और इसलिए इस दिन को शिव के अवतार के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन को दक्षिणायन के नाम से भी जाना जाता है. यह भी कहा जाता है कि इस अवधि के दौरान यदि कोई साधना की जाती है, तो प्रकृति भी व्यक्ति को आध्यात्मिक लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करती है.
योग का विकास
भारत में योग की शुरुआत वैदिक काल से मानी जाती है. योग के अस्तित्व के ऐतिहासिक प्रमाण पूर्व-वैदिक काल (2700 ईसा पूर्व) और उसके बाद पतंजलि के काल तक देखे गए हैं. महर्षि पतंजलि ने 'योगसूत्र' नामक ग्रंथ की रचना की है. माना जाता है कि यह ग्रंथ 2200 साल पहले लिखा गया है. योग विद्या में, शिव को पहले योगी या आदियोगी और पहले गुरु या आदि गुरु के रूप में देखा जाता है.
पहली बार योग दिवस कब मना
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार पहली बार भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने भाषण के दौरान रखा था. पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पारित किया. पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया.