उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार से आम श्रद्धालुओं के लिए चलायमान भस्मारती दर्शन व्यवस्था शुरू हो गई. सोमवार से ऐसे दर्शनार्थी जो भस्मारती अनुमति नहीं ले सके, उनके लिए चलते हुए दर्शन कराने की व्यवस्था शुरू हुई. पहले दिन ही श्रद्धालुओं में बाबा महाकाल के भस्मारती के दौरान दर्शन को लेकर उत्साह रहा. मंदिर समिति के अधिकारियों ने बताया कि मंदिर प्रशासन द्वारा पूर्व से ही दर्शन व्यवस्था के लिए तैयारी कर ली गई थी.
सिंहस्थ 2016 के दौरान भी ये व्यवस्था थी : बता दें कि सिंहस्थ 2016 में चलायमान भस्मआरती व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी. उज्जैन मैं 12 साल में एक बार होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले में लाखों की तादाद में श्रद्धालु स्नान के लिए उज्जैन पहुंचते हैं और ऐसे में यदि श्रद्धालु उज्जैन आएं तो बाबा महाकाल के दर्शन के बिना नहीं जाते हैं. इसी को देखते हुए सिंहस्थ 2016 में प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए भस्मारती में एक व्यवस्था शुरू की गई थी. जिसमें श्रद्धालुओं को भस्मारती देखने में कोई असुविधा नहीं हो और चलायमान भस्मारती की शुरुआत की गई थी, जो पूरे सिंहस्थ के समय चलती रही और सफल भी रही.
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5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया : मंदिर में सुबह व्यवस्था के लिए मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद उरवाल और लोकेश चौहान पहुंच गए. हालांकि यह व्यवस्था फिलहाल 1 सप्ताह चलाई जाएगी. इसके पहले मंदिर में सिंहस्थ महापर्व के दौरान भस्मारती में चलाते हुए दर्शन व्यवस्था तय की थी. इससे 5 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया था.
मंदिर प्रशासन ने एक दिन पहले ही व्यवस्था बना ली थी : महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अधिकारियों ने आम श्रद्धालुओं के लिए भस्मारती के दौरान दर्शन कराने की व्यवस्था की तैयारी पहले से ही कर ली थी. सामान्य श्रद्धालुओं को फैसिलिटी सेंटर से प्रवेश देकर चेंजिंग रूम के पास सीधे कार्तिकेय मंडपम में प्रवेश देकर अंतिम पंक्ति से दर्शन कराए गए. सुबह 4:30 बजे श्रद्धालुओं को प्रवेश देने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. (In Mahakaleshwar temple moving Bhasmarti started) (Moving Bhasmarti darshan system In Ujjain) (Devotees emotional getting a glimpse of Mahakal)