उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के आसपास नवनिर्माण के लिए चल रही खुदाई के दौरान सोमवार को वर्षों पुराने प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. इन अवशेषों में मां दुर्गा की दिव्य मूर्ति और स्थापत्य खंड पाए गए हैं. उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में इससे पहले भी दिसंबर 2019 में एक शिलालेख मिला था जिसके 1000 वर्ष पुराने होने का दावा किया गया था.
- मूर्तियां 700-1000 वर्ष पुरानी होने का दावा
सोमवार को खुदाई के दौरान मिले मूर्तियों को 700-1000 वर्ष पुराने होने का दावा किया जा रहा है. इन सभी अवशेषों को मंदिर के अन्न क्षेत्र में रखवाया गया है. इन अवशेषों के बारे में जानकारी देते हुए इतिहासविद रमण सोलंकी ने बताया कि यह साल 1232 के मंदिर के स्थापत्य खंड प्रतीत होते हैं जो खुदाई में अब सैंकड़ों की संख्या में मिल रहे है और इन सभी को सहेज कर रखना होगा.
- इतिहासविद सोलंकी ने दी अन्य जानकारी
उज्जैन के इतिहासविद रमण सोलंकी ने आगे बताया कि महाकाल मंदिर में पहले भी 1000 वर्ष पुराने परमार कालीन अवशेष मिल चुके हैं. सोमवार को भी खुदाई के दौरान मंदिर के स्थापत्य खंड मिले हैं. उन्होंने कहा कि खंड को देखने से लगता है कि यह परमार कालीन हैं और यह करीब 1232 के हो सकते हैं. जब दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश ने उज्जैन पर हमला किया था तब मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया था. उन्होंने आगे कहा कि अभी जो खंड मिले हैं वो उच्च कोटि के शिल्प कालीन दिखाई देते हैं और इन्हें देखकर लगता है कि इन्हें घन-हतोड़ों से तोड़ा गया हो. वो प्राकतिक रूप से टूटे नजर नहीं आते इसलिए संभव है कि दिल्ली के सुल्तान ने हमले में इसे तोडा हो.
- मंदिर के सामने वाले हिस्से में चल रहा निर्मीणकार्य
इन दिनों महाकाल मंदिर के सामने वाले हिस्से में 5 करोड़ रुपए की लागत से वेटिंग हॉल के निर्माण का काम चल रहा है. उसी जगह पर दूसरी बार मूर्तियां और अवशेष मिले है. अब पुरातत्वविद का मानना है कि इस काम को धीरे-धीरे करवाना होगा ताकि प्राचीन अवशेषों को सहज कर रखा जा सके.