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Fraud In Mahakal Temple: भस्म आरती के नाम पर दिल्ली के 3 श्रद्धालुओं से 45 सौ रुपये की ठगी

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के नाम पर दिल्ली के 3 श्रद्धालुओं के साथ ठगी की गई. तीनों श्रद्धालुओं से कुल 4500 रुपये लेकर मंदिर के कर्मचारियों ने इन्हें किसी और के नाम की जगह फर्जीवाड़ा करके अनुमति पत्र जारी कर दिया. लेकिन गेट पर ये फर्जी पास पकड़ा गया. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया.

Fraud name of Bhasma Aarti in Mahakaleshwar temple
भस्म आरती के नाम पर दिल्ली के 3 श्रद्धालुओं के साथ 45 सौ रुपये की ठगी
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Published : Apr 17, 2023, 3:59 PM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं के साथ ठगी की वारदात अक्सर सामने आती है. मीडियाकर्मी के नाम से बनी परमिशन में मंदिर समिति के ही कर्मचारियों ने कंप्यूटर पर दिल्ली से आए श्रद्धालुओं के नाम चढ़ाए और अनुमति जारी कर दी. लेकिन कर्मचारी यह भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है और जैसे ही स्कैन करते हैं उसमें सामने वाले का नाम आ जाता है. ऐसा ही हुआ.

क्यूआर कोड स्कैन करते ही मामला पकड़ा : दिल्ली से आए श्रद्धालुओं ने ₹4500 में भस्म आरती की परमिशन कराई. इसके बाद जैसे ही भस्मारती में पहुंचे तो गेट पर बैठे कर्मचारी ने क्यूआर कोड स्कैन किया तो परमिशन किसी और व्यक्ति के नाम निकली. महाकाल मंदिर प्रबंधक समिति के प्रशासक ने तत्काल दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में मामला दर्ज करवाया. महाकाल मंदिर की भस्म आरती की परमिशन मीडिया के नाम से थी. उसके साथ छेड़छाड़ की गई.

मीडिया के नाम पर थी परमिशन : महाकाल मंदिर प्रोटोकॉल कार्यालय से 16 अप्रैल को एक टीवी चैनल के नाम पर अनुमति बनवाई गई थी. इसमें बाकायदा चैनल का लेटर लगाकर अनुमति ली गई. वहीं जिनके नाम पर यह परमिशन करवाई गई थी. महाकाल मंदिर के दो कर्मचारियों ने उसी अनुमति को दिल्ली से आए श्रद्धालु से 4500 रु लेकर उनके नाम कंप्यूटर पर एडिटिंग कर चढ़ा दी. ये कर्मचारी भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है. उसे स्कैन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं के नाम और जानकारी कंप्यूटर पर बैठे व्यक्ति के सामने आ जाती है.

फर्जी परमिशन के मामले का खुलासा : सुबह मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए प्रवेश के दौरान गेट पर बैठे कर्मचारी ने जैसे ही परमिशन को स्कैन किया तो परमिशन किसी और के नाम की निकली. श्रद्धालुओं की अनुमति फर्जी निकली. बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब महाकालेश्वर मंदिर में इतनी सख्ती होने के बावजूद भी भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ ठगी की जाती है. हालांकि मंदिर में जगह-जगह सूचना लगी है कि किसी को भी भस्म आरती के नाम पर पैसे ना दें, क्योंकि भस्म आरती या तो ऑफिशल वेबसाइट के माध्यम से होती है या फिर ऑफलाइन स्वयं आकर करानी होती है.

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श्रद्धालुओं ने की शिकायत : उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेमनारायण उदेनिया ने बताया कि उज्जैन 16 अप्रैल को प्रातः काल बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने आए श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा निवासी उत्तम नगर नई दिल्ली के श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर के कार्यालय में लिखित शिकायत की है. श्रद्धालुओं ने शिकायत में बताया कि उज्जैन में कालसर्प पूजन कराने आए थे. यहां पर उन्हें पवन कुमार नामक व्यक्ति मो. 6260738516 ने भस्म आरती की अनुमति जारी करने के लिए 4500 सौ रुपए लेकर अनुमति जारी की. महाकाल मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने में पवन कुमार व मृत्युंजय कुमार के धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कराया है.

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में श्रद्धालुओं के साथ ठगी की वारदात अक्सर सामने आती है. मीडियाकर्मी के नाम से बनी परमिशन में मंदिर समिति के ही कर्मचारियों ने कंप्यूटर पर दिल्ली से आए श्रद्धालुओं के नाम चढ़ाए और अनुमति जारी कर दी. लेकिन कर्मचारी यह भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है और जैसे ही स्कैन करते हैं उसमें सामने वाले का नाम आ जाता है. ऐसा ही हुआ.

क्यूआर कोड स्कैन करते ही मामला पकड़ा : दिल्ली से आए श्रद्धालुओं ने ₹4500 में भस्म आरती की परमिशन कराई. इसके बाद जैसे ही भस्मारती में पहुंचे तो गेट पर बैठे कर्मचारी ने क्यूआर कोड स्कैन किया तो परमिशन किसी और व्यक्ति के नाम निकली. महाकाल मंदिर प्रबंधक समिति के प्रशासक ने तत्काल दोनों कर्मचारियों के खिलाफ महाकाल थाने में मामला दर्ज करवाया. महाकाल मंदिर की भस्म आरती की परमिशन मीडिया के नाम से थी. उसके साथ छेड़छाड़ की गई.

मीडिया के नाम पर थी परमिशन : महाकाल मंदिर प्रोटोकॉल कार्यालय से 16 अप्रैल को एक टीवी चैनल के नाम पर अनुमति बनवाई गई थी. इसमें बाकायदा चैनल का लेटर लगाकर अनुमति ली गई. वहीं जिनके नाम पर यह परमिशन करवाई गई थी. महाकाल मंदिर के दो कर्मचारियों ने उसी अनुमति को दिल्ली से आए श्रद्धालु से 4500 रु लेकर उनके नाम कंप्यूटर पर एडिटिंग कर चढ़ा दी. ये कर्मचारी भूल गए कि परमिशन में क्यूआर कोड होता है. उसे स्कैन किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं के नाम और जानकारी कंप्यूटर पर बैठे व्यक्ति के सामने आ जाती है.

फर्जी परमिशन के मामले का खुलासा : सुबह मंदिर में भस्म आरती दर्शन के लिए प्रवेश के दौरान गेट पर बैठे कर्मचारी ने जैसे ही परमिशन को स्कैन किया तो परमिशन किसी और के नाम की निकली. श्रद्धालुओं की अनुमति फर्जी निकली. बता दें कि यह पहला मामला नहीं है जब महाकालेश्वर मंदिर में इतनी सख्ती होने के बावजूद भी भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ ठगी की जाती है. हालांकि मंदिर में जगह-जगह सूचना लगी है कि किसी को भी भस्म आरती के नाम पर पैसे ना दें, क्योंकि भस्म आरती या तो ऑफिशल वेबसाइट के माध्यम से होती है या फिर ऑफलाइन स्वयं आकर करानी होती है.

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श्रद्धालुओं ने की शिकायत : उज्जैन महाकाल मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेमनारायण उदेनिया ने बताया कि उज्जैन 16 अप्रैल को प्रातः काल बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने आए श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा निवासी उत्तम नगर नई दिल्ली के श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर के कार्यालय में लिखित शिकायत की है. श्रद्धालुओं ने शिकायत में बताया कि उज्जैन में कालसर्प पूजन कराने आए थे. यहां पर उन्हें पवन कुमार नामक व्यक्ति मो. 6260738516 ने भस्म आरती की अनुमति जारी करने के लिए 4500 सौ रुपए लेकर अनुमति जारी की. महाकाल मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने में पवन कुमार व मृत्युंजय कुमार के धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कराया है.

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