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फाइनेंस कंपनी ने करीब 250 लोगों से किया फ्रॉड, पुलिस तक पहुंचा मामला

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Published : Oct 30, 2020, 9:10 PM IST

उज्जैन में कम ब्याज पर 86000 रुपए का लोन दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. पुलिस ने लोगों की शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी है.

Fraud in the name of loans from people
लोगों से लोन के नाम पर ठगी

उज्जैन। शहर में एक बार फिर लोन के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. जिसमें एक निजी कंपनी ने लोगों से लोन के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. माधव नगर थाना पुलिस से शिकायत करने पहुंचे पीड़ितों ने बताया कि करीब दो महीने पहले कंपनी ने उन्हें कम ब्याज पर 86000 रुपये का लोन देने का वादा किया था. लॉकडाउन में काम बंद होने व कम ब्याज लगने के लालच में एक परिचित के कहने पर पीड़ितों ने लोन के लिए अप्लाई कर दिया. इसके साथ ही लोगों ने लोन में लगने वाली प्रोसेसिंग फीस भी कंपनी में जमा करा दी. लेकिन लोगों को अभी तक लोन के पैसे नहीं मिले हैं और ना ही कंपनी के ऑफिस में जाने पर वहां के कर्मचारी उनसे ठीक से बर्ताव भी नहीं करते हैं. जिसके बाद पीड़ितों ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की है. वहीं बताया जा रहा है कि लोगों को लोन दिलाने वाली कंपनी खुद को हरियाणा और औरंगाबाद की बताती है.

लोगों से लोन के नाम पर ठगी

कमीशन का लालच देकर जमाई पैठ

अपने आप को ठगा महसूस करने वाले लोगों के मुताबिक कंपनी ने लॉकडाउन के पहले ही फील्डिंग जमा रखी थी. वह शहर के एक अनुभवी व्यक्ति, जो इस काम को करने में माहिर हैं उन्हें लॉकडाउन में फ्री रहने की वजह से नौकरी का लालच दिया. इस दौरान कंपनी ने शहर के ही अन्य व्यक्ति ओमप्रकाश डाबी को नौकरी पर रखकर टारगेट दिया कि वह लोन के लिए लोगों को इकट्ठा करें. जिसमें उन्हें कमीशन भी दिया जाएगा.

2200 रुपये ली प्रोग्रेसिंग फीस

ओमप्रकाश डाबी ने विश्वास व लालच में आकर करीब ढाई सौ लोग कंपनी को उपलब्ध कराए और उन्होंने सभी से शुरुआत में 2200 रुपये प्रोग्रेसिंग फीस ली. लेकिन जब कंपनी ने दोबारा लोगों के फॉर्म भरवाने के बहाने ऑफिस बुलाया तो वहां कंपनी की एक मैडम ने उनसे कहा कि जल्द लोन करवाने के लिए आप लोगों को महिलाओं की फाइल के 45 सौ रुपए व पुरुषों की फाइल के 5000 देने होंगे. इस दौरान कंपनी ने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 15 से 17 दिनों में लोन फाइनल हो जाएगा.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

लेकिन 20 दिन के बाद जब लोगों ने कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी ने उनके कॉल पर रिस्पांस नहीं दिया. जब कुछ लोग ऑफिस पहुंचे तो वहां के कर्मचारियों ने साहब नहीं होने का बहाना बनाकर उन्हें वहां से भगा दिया. फिलहाल पुलिस ने लोगों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.

उज्जैन। शहर में एक बार फिर लोन के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. जिसमें एक निजी कंपनी ने लोगों से लोन के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. माधव नगर थाना पुलिस से शिकायत करने पहुंचे पीड़ितों ने बताया कि करीब दो महीने पहले कंपनी ने उन्हें कम ब्याज पर 86000 रुपये का लोन देने का वादा किया था. लॉकडाउन में काम बंद होने व कम ब्याज लगने के लालच में एक परिचित के कहने पर पीड़ितों ने लोन के लिए अप्लाई कर दिया. इसके साथ ही लोगों ने लोन में लगने वाली प्रोसेसिंग फीस भी कंपनी में जमा करा दी. लेकिन लोगों को अभी तक लोन के पैसे नहीं मिले हैं और ना ही कंपनी के ऑफिस में जाने पर वहां के कर्मचारी उनसे ठीक से बर्ताव भी नहीं करते हैं. जिसके बाद पीड़ितों ने पुलिस से इस मामले की शिकायत की है. वहीं बताया जा रहा है कि लोगों को लोन दिलाने वाली कंपनी खुद को हरियाणा और औरंगाबाद की बताती है.

लोगों से लोन के नाम पर ठगी

कमीशन का लालच देकर जमाई पैठ

अपने आप को ठगा महसूस करने वाले लोगों के मुताबिक कंपनी ने लॉकडाउन के पहले ही फील्डिंग जमा रखी थी. वह शहर के एक अनुभवी व्यक्ति, जो इस काम को करने में माहिर हैं उन्हें लॉकडाउन में फ्री रहने की वजह से नौकरी का लालच दिया. इस दौरान कंपनी ने शहर के ही अन्य व्यक्ति ओमप्रकाश डाबी को नौकरी पर रखकर टारगेट दिया कि वह लोन के लिए लोगों को इकट्ठा करें. जिसमें उन्हें कमीशन भी दिया जाएगा.

2200 रुपये ली प्रोग्रेसिंग फीस

ओमप्रकाश डाबी ने विश्वास व लालच में आकर करीब ढाई सौ लोग कंपनी को उपलब्ध कराए और उन्होंने सभी से शुरुआत में 2200 रुपये प्रोग्रेसिंग फीस ली. लेकिन जब कंपनी ने दोबारा लोगों के फॉर्म भरवाने के बहाने ऑफिस बुलाया तो वहां कंपनी की एक मैडम ने उनसे कहा कि जल्द लोन करवाने के लिए आप लोगों को महिलाओं की फाइल के 45 सौ रुपए व पुरुषों की फाइल के 5000 देने होंगे. इस दौरान कंपनी ने लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि 15 से 17 दिनों में लोन फाइनल हो जाएगा.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

लेकिन 20 दिन के बाद जब लोगों ने कंपनी से संपर्क किया तो कंपनी ने उनके कॉल पर रिस्पांस नहीं दिया. जब कुछ लोग ऑफिस पहुंचे तो वहां के कर्मचारियों ने साहब नहीं होने का बहाना बनाकर उन्हें वहां से भगा दिया. फिलहाल पुलिस ने लोगों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है.

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