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साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में इसका कितना होगा असर - Pandit Anand Shankar Vyas Ujjain

वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगा इस दौरान भारत पर इस ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बारे में उज्जैन के पंडित ने इस बारे में बताया.

Lunar eclipse
चंद्र ग्रहण
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Published : May 26, 2021, 9:54 PM IST

उज्जैन। चंद्र ग्रहण को लेकर पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि चंद्र ग्रहण की दो श्रेणी होती है, दो प्रकार के ग्रहण में एक चंद्र ग्रहण और एक माध्य चंद्र ग्रहण होता है, जो की एक उप छाया समान है. जिसमें चंद्रमा थोड़ा मलिन पिलपिला दिखाई पड़ता है और इसका कोई मान्य नहीं है. इसमें कोई पालन नहीं करना होता जैसे स्नान दान, सूतक कुछ भी नहीं. जो स्पष्ठ ग्रहण की श्रेणी में होता है. केवल उसी ग्रहण का पालन किया जाता हैं. सबसे खास बात जो ग्रहण जिस क्षेत्र में दिखाई देता है, उसी क्षेत्र में उसका पालन किया जाता है. जहां दिखाई नहीं देता वहां पालन भी नहीं किया जाता.

पंडित आनंद शंकर व्यास
  • इस साल में चार ग्रहण, चारो का असर नहीं

उज्जैन पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि साल भर में चार ग्रहण होगें, लेकिन चारों का असर इसबार नहीं दिखाई देगा. किसी राशि पर भी इसका नहीं होगा. असर केवल विदेशों में होगा भारत में नहीं.

आज साल का पहला चंद्र ग्रहण, भारत में नहीं मान्य होगा सूतककाल

  • इस ग्रहण का कितना असर

26 मई को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा है, साथ ही साल का पहला चंद्र ग्रहण है. जिसे लेकर पंडित आंनद शंकर व्यास ने बताया कि वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होता है और अमावस पर सूर्य ग्रहण होता है, अगर चंद्र ग्रहण दिन में हो और सूर्य ग्रहण रात्रि में, तो उसका कोई मतलब नहीं होता है. क्योंकि चंद्र दिन में दिखेगा ही नहीं और रात में सूर्य नहीं दिखेगा. इस बार देश में चार ग्रहण है और चारों ही दिखाई नहीं देंगे. जहां ग्रहण का दृश्य होता है वहीं उसका पालन किया जाता है. वहीं उसका प्रभाव होता है, और वहीं अच्छे और बुरे परिणाम भी मिलते है.

उज्जैन। चंद्र ग्रहण को लेकर पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि चंद्र ग्रहण की दो श्रेणी होती है, दो प्रकार के ग्रहण में एक चंद्र ग्रहण और एक माध्य चंद्र ग्रहण होता है, जो की एक उप छाया समान है. जिसमें चंद्रमा थोड़ा मलिन पिलपिला दिखाई पड़ता है और इसका कोई मान्य नहीं है. इसमें कोई पालन नहीं करना होता जैसे स्नान दान, सूतक कुछ भी नहीं. जो स्पष्ठ ग्रहण की श्रेणी में होता है. केवल उसी ग्रहण का पालन किया जाता हैं. सबसे खास बात जो ग्रहण जिस क्षेत्र में दिखाई देता है, उसी क्षेत्र में उसका पालन किया जाता है. जहां दिखाई नहीं देता वहां पालन भी नहीं किया जाता.

पंडित आनंद शंकर व्यास
  • इस साल में चार ग्रहण, चारो का असर नहीं

उज्जैन पंडित आनंद शंकर व्यास ने कहा कि साल भर में चार ग्रहण होगें, लेकिन चारों का असर इसबार नहीं दिखाई देगा. किसी राशि पर भी इसका नहीं होगा. असर केवल विदेशों में होगा भारत में नहीं.

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  • इस ग्रहण का कितना असर

26 मई को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा है, साथ ही साल का पहला चंद्र ग्रहण है. जिसे लेकर पंडित आंनद शंकर व्यास ने बताया कि वैशाख शुक्ल पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होता है और अमावस पर सूर्य ग्रहण होता है, अगर चंद्र ग्रहण दिन में हो और सूर्य ग्रहण रात्रि में, तो उसका कोई मतलब नहीं होता है. क्योंकि चंद्र दिन में दिखेगा ही नहीं और रात में सूर्य नहीं दिखेगा. इस बार देश में चार ग्रहण है और चारों ही दिखाई नहीं देंगे. जहां ग्रहण का दृश्य होता है वहीं उसका पालन किया जाता है. वहीं उसका प्रभाव होता है, और वहीं अच्छे और बुरे परिणाम भी मिलते है.

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