उज्जैन: फ्रीगंज क्षेत्र में स्थित पाटीदार अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर पर कोविड सेंटर आइसोलेशन वार्ड में दोपहर पर अचानक भीषण आग से लगने से अस्पताल में अफरा- तफरी मच गई. कई मरीज अस्पताल में ही फंसे रहे, जिन्हें दमकल कर्मियों और रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला. अस्पताल में कुल 80 मरीज भर्ती थे, जिन्हें अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था. आग लगने से अस्पताल में भर्ती चार कोविड0 मरीज झुलस गए थे, जिनमें से दो घायल मरीज को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया. बीती रात एक महिला की मौत हो गई.
अस्पताल पर लगाया हत्या का आरोप
अस्पताल में आग लगने की खबर दोपहर करीब 11:45 बजे आलाधिकारियों और दमकल कर्मियों को मिली. आनन-फानन में दमकल की गाड़िया अस्पताल पंहुची, जंहा अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर पर आइसोलेशन वार्ड में कोविड के 24 मरीज भर्ती थे. पाटीदार में हुए अग्नि कांड में एक मरीज की मौत पर सवाल खड़े कर दिए है. सावित्री देवी के बेटे संजीव ने आरोप लगाया है की जब आग लगी तब मैं वहीं था. आग लगते ही अस्पताल के कर्मचारी भागने लगे. मैंने अपनी मां को देखा, तो वो जल रही थी. मैं उनका पलंग खींचकर बाहर ले आया. अस्पताल प्रबंधन ने मेरी मां की हत्या की है. मैंने कलेक्टर उज्जैन को लिखित में आवेदन दिया है कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
उज्जैन कलेक्टर ने कहा आज आएगी रिपोर्ट
सावित्री देवी की मौत के बाद उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा की सावित्री देवी की मौत की खबर लगी है. हमने पांच सदस्य कमिटी बनाई थी. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सच सामने आएंगे. उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उज्जैन कलेक्टर ने घटना वाले दिन सभी हेल्थ वर्कर की प्रशंसा की थी. उन्होंने बहुत जल्द 80 मरीजों को जलते हुए अस्पताल से बहार निकालकर अन्य अस्पतालों में पहुंचाया था. इधर अस्पताल की मैनेजर आफशा मेनन ने कहा हमारे स्टाफ ने जान की परवाह किए बिना सभी मरीजों को निकाला है, जो आरोप लगे हैं वो गलत हैं.