उज्जैन। कोरोना संक्रमण का असर उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना पर भी पड़ा है. इस सावन बाबा महाकाल की शाही सवारी तो निकलेगी, लेकिन उसमें भक्त शामिल नहीं हो पाएंगे. कोरोना के कारण जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने इस बार शाही सवारी में भक्तों के शामिल होने पर रोक लगा दी है, जबकि सवारी के मार्ग में भी कुछ परिवर्नत किए गए हैं. भक्त घर बैठकर दर्शन कर सकें, इसलिए ऑनलाइन सुविधा दी गई है.
मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन और सावन माह की सभी सवारियों के दौरान श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन दर्शन कर सकेंगे और श्रावण के पहले सोमवार यानि 6 जुलाई से महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों को प्रवेश सुबह 5:30 बजे से शाम 7:00 बजे तक मिलेगा, जबकि कांवड़ियों को प्रवेश नहीं मिलेगा. जिसकी जानकारी कलेक्टर ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर दी है.
ये हैं बड़े निर्णय
- महाकाल की शाही सवारी में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित
- परंपरागत मार्ग से नहीं निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी
- शाही सवारी में शामिल नहीं होगी भजन मंडली
- सुबह 5:30 से शाम 7 बजे तक दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
- दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना अनिवार्य
- प्रतिदिन 10 हजार श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का लक्ष्य
- नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु
- कांवड़ियों के मंदिर में प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध
महाकालेश्वर मंदिर में सावन को लेकर महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन ने बैठक की, जिसमें आगामी दिनों के लिए कई बड़े निर्णय किए गए. मंदिर समिति ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बड़ा निर्णय लिया है कि महाकाल मंदिर से निकलने वाली शाही सवारी में इस बार श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिलेगा, प्रशासन नाग पंचमी पर साल में एक दिन खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर में भी प्रवेश पर रोक लगा दी है, लेकिन ऑनलाइन दर्शन की अनुमति मिलेगी.