उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का धाम करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. मंदिर समिति की बुधवार देर शाम वार्षिक बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इसमें सिंहस्थ की व्यवस्था अनुसार भस्मारती चलायमान प्रस्ताव पर 7 दिन के ट्रायल पर मुहर लगी, जिसे सोमवार से लागू किया जाना है. इसके अलावा मंदिर में देश, प्रदेश व नगर में उत्तम वृष्टि के लिए 22 से 26 जून तक महारुद्राभिषेक करवाने पर सहमति, श्रावण महोत्सव में अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 18 कलाकार इस बार प्रस्तुति देंगे. इनके नाम फाइनल किये गए. बाबा महाकाल मंदिर का इतिहास व परंपरा बताने वाली स्मारिका व पुस्तक का विमोचन करने कर्मचारियों को अग्रिम राशि देने, सावन -भादो माह में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के दौरान पालकी को ऊंचा करने, वर्ष 2022-23 के बजट को लेकर व अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की गई. कुछ फैसलों पर मुहर लगाई.
क्या चलायमान भस्मारती : उज्जैन महाकाल मंदिर में रोज होने वाली भस्मारती में अब आम श्रद्धालुओं को भी मौका मिलेगा. बाबा महाकाल के दर्शन की व्यवस्था सोमवार 13 जून से 7 दिन के ट्रायल पर शुरू होंगे. बता दें कि अभी मंदिर में रोजाना सुबह 4 से 6 भस्मार्ती होती है. इसमें दर्शन के लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन व प्रोटोकॉल के तहत श्रद्धालु बुकिंग करवाते हैं. 2000 श्रद्धलुओं की बैठक व्यवस्था की क्षमता का हॉल है. इससे ज्यादा को प्रवेश नहीं दिया जाता. सिंहस्थ में अधिक संख्या की वजह से भस्मार्ती को चलायमान किया गया था, जिसे अब दोबारा श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख फिर शुरू किए जाने पर मुहर लगी है.
ऐसी रहेगी अब व्यवस्था : 2000 श्रद्धालुओं की सीट बुकिंग फुल होने के बाद अब जो दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें किसी तरह की बुकिंग करवाने की जरूरत नहीं होगी. हर कोई अब बाबा की भस्मार्ती की एक झलक आसानी से पा सकेगा, जिसे सोमवार 13 जून से 7 दिन के ट्रायल पर शुरू किया जाएगा. ये सफल होने पर आगे बढ़ाया जाएगा. जानकारी के अभाव में बिना बुकिंग के मंदिर पहुँचे श्रद्धालुओं को भी अब परेशान नहिं होना पड़ेगा. जो श्रद्धलुओं के पीछे के बेरेकेटिंग में बैठे होंगे, उन्हें चलायमान दर्शन करवाए जाएंगे. श्री महाकालेश्वर जी की भस्मार्ती के दौरान पंजीयनधारी श्रद्धालुओं के अतिरिक्त अन्य श्रद्धालुओं को सिंहस्थ 2016 में की गई व्यवस्था के अनुरूप कार्तिकेय मंडपम की अंतिम 2 पंक्तियों से चलित दर्शन कराया जाकर मंदिर परिसर से बाहर की ओर प्रस्थान कराये जाने पर विचार किया गया.
अच्छी वर्षा के लिए महारुद्राभिषेक : उत्तम वर्षा वृष्टि के लिए 22 से 26 जून तक महारुद्राभिषेक होगा. दरअसल मंदिर में परंपरा अनुसार भगवान महाकाल के शीश पर शीतल जलधारा प्रवाहित की जाएगी. ब्राह्मण वेदमंत्र की ऋचाओं से भगवान का अभिषेक पूजन कर श्रेष्ठ वर्षा की प्रार्थना करेंगे. जिसे 22 से 26 जून तक महारुद्राभिषेक के रूप में पूरा मंदिर के 16 पुजारी 22 पुरोहित सम्पन्न करेंगे.
श्रावण महोत्सव में 18 कलाकार देंगे प्रस्तुति : महाकाल मंदिर में 17 जुलाई को श्रावण महोत्सव की पहली सांझ आयोजित होगी कुल 6 रविवार में 18 कलाकार अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय लोकल हिस्सा लेंगे. 2 वर्ष बाद हो रहे आयोजन में इस बार गीत,संगीत, नृत्य की कला त्रिवेणी से सजी ये शाम त्रिवेणी संग्रहालय में आयोजित होगी. प्रत्येक शाम अलग-अलग विद्या के तीन कलाकार शामिल किए जाएंगे. साथ ही बैठक में विचार किया गया कि श्रावण महोत्सव के आयोजन, स्मारिका प्रकाशन तथा मंदिर के समीप स्थित भारती भवन को राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए. फिलहाल इस पर मुहर नहीं लगी है.
महाकाल मंदिर का इतिहास व परंपरा बताएगी स्मारिका : बैठक में निर्णय लिया गया कि महाकाल मंदिर के इतिहास, परंपरा, सांस्कृतिक गतिविधियों का समावेश अब एक स्मारिका में होगा.महाकाल मंदिर में होने वाली आरती, पूजा, समस्त धार्मिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियां, पारंपरिक पूजन, सवारी में पालकी की परंपरा आदि समस्त जानकारियों से लब्ध एक पुस्तक का प्रकाशन भी किया जाएगा, जिसे पढ़ने से देश- विदेश के श्रद्धालुओं को मंदिर के इतिहास, भौगोलिक स्थिति, शिल्पकला, मूर्तिकला, स्थापत्यकला के साथ धर्म, संस्कृति, उत्सव आदि संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी. प्रबंध समिति ने पुस्तक प्रकाशन के लिए जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं.
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बैठक में वर्ष 2022-23 का बजट पास : वर्ष 2022-23 के बजट का बैठक के दौरान अनुमोदन किया गया. इसमें बताया गया कि 55 लाख रुपये फायदे का बजट है. प्रस्तावित आय 81 करोड़ 65 लाख और प्रस्तावित व्यय 81 करोड़ 10 लाख रुपये बताया गया है. बजट को स्वीकृति हेतु संभागायुक्त के सामने रखा जाएगा.
महाकाल की पालकी को ऊंचा करने पर विचार : बैठक में श्रावण व भादो व अन्य महीनों में शहर के मुख्य मार्गों से निकलने वाली बाबा की सवारी के दौरान भक्तों को भगवान महाकाल के सुविधा से दर्शन हो सकें, इसके लिए पालकी को ऊंचा करने पर विचार किया गया. कलेक्टर ने कहा कि इस संबंध में सभी पुजारी, पुरोहितों की बैठक आयोजित की जाएगी. उनके दिए गए निर्णय पर मंदिर समिति अमल करेगी. इसके अलावा प्रबंध सामिति की बैठक में मंदिर के कर्मचारियों को अग्रिम राशि देने।अन्न क्षेत्र के हलवाई का मानदेय बढ़ाने, लड्डू प्रसाद निर्माण करने वाले हलवाई की कार्यकाल बढ़ाने, अतिविशिष्ट व्यक्ति के आगमन पर होने वाले खर्च व मंदिर के पुजारी,पुरोहितों को कक्ष आवंटित करने को लेकर भी चर्चा हुई. (What is new system of moving Bhasmarti) (Moving Bhasmarti in Mahakaleshwar temple) (meeting of Mahakaleshwar Temple Management) (Five day Maharudrabhishek for best rain)