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जन्म से पहले कैसे खिंच गई मार्कशीट में लगी फोटो, हाईकोर्ट ने मऊगंज एसपी को दिए जांच के आदेश - JABALPUR HIGH COURT

पॉक्सो व बलात्कार के एक आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस को बताया गया कि पीड़िता की आठवीं कक्षा की अंकसूची में जन्मतिथि 2004 दर्ज है जबकि उसकी मार्कशीट में लगी फोटो में साल 2003 की तारीख अंकित है. एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक मऊगंज को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं.

JABALPUR HIGH COURT
जबलपुर हाईकोर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 11:30 AM IST

Updated : Jan 12, 2025, 11:59 AM IST

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने पॉक्सो व बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मऊगंज एसपी को जांच के निर्देश दिए हैं. कोर्ट को बताया गया था कि पीड़िता की आठवीं कक्षा की अंकसूची में दर्ज जन्मतिथि और मार्कशीट में लगी फोटो में जन्मतिथि अलग-अलग है.

याचिकाकर्ता ने कहा, शिकायतकर्ता युवती और वह तीसरी से छठवीं कक्षा में साथ थे

मऊगंज निवासी मेहंदी हसन की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह अक्टूबर 2024 से पॉक्सो व बलात्कार के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में है. वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 26 साल है. शिकायतकर्ता युवती के साथ उसने तीसरी से छठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. दोनों के बीच प्रेम संबंध थे.

सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि पीड़िता की साल 2016-17 में जारी आठवीं की अंकसूची में उसकी जन्म तिथि 3 मई 2004 दर्ज है. वहीं मार्कशीट में जो फोटो चस्पा है उसमें फोटो खिंचवाने की तारीख 10 जुलाई 2003 अंकित है.

मऊगंज थाने में पदस्थ विवेचना अधिकारी प्रज्ञा पटेल ने न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताया कि लड़की ने उक्त स्कूल में कभी भी पहली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया था. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधीक्षक इस संबंध में जांच करें कि जन्म से पहले मार्कशीट में चस्पा फोटो कैसे खींच गई थी. इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित स्कूल से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगते हुए उचित कार्रवाई करें. याचिका पर अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की गई है.

जबलपुर: जबलपुर हाईकोर्ट ने पॉक्सो व बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मऊगंज एसपी को जांच के निर्देश दिए हैं. कोर्ट को बताया गया था कि पीड़िता की आठवीं कक्षा की अंकसूची में दर्ज जन्मतिथि और मार्कशीट में लगी फोटो में जन्मतिथि अलग-अलग है.

याचिकाकर्ता ने कहा, शिकायतकर्ता युवती और वह तीसरी से छठवीं कक्षा में साथ थे

मऊगंज निवासी मेहंदी हसन की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि वह अक्टूबर 2024 से पॉक्सो व बलात्कार के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में है. वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 26 साल है. शिकायतकर्ता युवती के साथ उसने तीसरी से छठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. दोनों के बीच प्रेम संबंध थे.

सुनवाई के दौरान एकलपीठ को बताया गया कि पीड़िता की साल 2016-17 में जारी आठवीं की अंकसूची में उसकी जन्म तिथि 3 मई 2004 दर्ज है. वहीं मार्कशीट में जो फोटो चस्पा है उसमें फोटो खिंचवाने की तारीख 10 जुलाई 2003 अंकित है.

मऊगंज थाने में पदस्थ विवेचना अधिकारी प्रज्ञा पटेल ने न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताया कि लड़की ने उक्त स्कूल में कभी भी पहली कक्षा में प्रवेश नहीं लिया था. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधीक्षक इस संबंध में जांच करें कि जन्म से पहले मार्कशीट में चस्पा फोटो कैसे खींच गई थी. इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित स्कूल से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगते हुए उचित कार्रवाई करें. याचिका पर अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की गई है.

Last Updated : Jan 12, 2025, 11:59 AM IST
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