उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच के लिए सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की की 4 सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंच गई है. सीबीआरआई की टीम महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और अलग- अलग जगहों पर लगे पत्थरों के निर्माण सामग्री की जांच कर स्ट्रक्चर की मजबूती का पता लगाने में जुटी हुई है.
विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर देश की सबसे बड़ी कोर्ट में लगी याचिका के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर के पूरे स्ट्रक्चर की मजबूती जांचने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की को आदेशित किया था. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि, पूरे कार्य में लगने वाला 31 लाख रुपए का खर्चा महाकाल समिति वहन करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार सदस्यीय दल सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की से महाकाल मंदिर पहुंचा है.
सीबीआरआई की टीम सबसे पहले महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित साल में एक बार खुलने वाले नागचंदेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कर रही है. इस चार सदस्यीय टीम में डॉक्टर अचल मित्तल, डॉक्टर देवदत्त घोष, दीपक एस और ऋषभ अग्रवाल शामिल हैं. ये चारों 24 सितंबर तक महाकाल मंदिर में रहकर मजबूती की जांच करेंगे. वहीं अगले 6 महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपेंगे. इससे पहले कमेटी ने 7 सितंबर 2017 को मंदिर के स्ट्रक्चर का अवलोकन किया था और ऊपरी हिस्से में कई जगह मंदिर के स्ट्रक्चर को कमजोर बताया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण फिलहाल इस पूरे मामले में किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की.