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SC के आदेश पर महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने पहुंची CBRI की टीम

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Published : Sep 22, 2020, 2:22 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 2:30 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआरआई की टीम महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और अलग-अलग जगहों पर लगे पत्थरों की जांच कर स्ट्रक्चर की मजबूती का पता लगाने उज्जैन पहुंची है.

UJJAIN
महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने पहुंची CBRI की टीम

उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच के लिए सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की की 4 सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंच गई है. सीबीआरआई की टीम महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और अलग- अलग जगहों पर लगे पत्थरों के निर्माण सामग्री की जांच कर स्ट्रक्चर की मजबूती का पता लगाने में जुटी हुई है.

महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने पहुंची CBRI की टीम

विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर देश की सबसे बड़ी कोर्ट में लगी याचिका के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर के पूरे स्ट्रक्चर की मजबूती जांचने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की को आदेशित किया था. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि, पूरे कार्य में लगने वाला 31 लाख रुपए का खर्चा महाकाल समिति वहन करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार सदस्यीय दल सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की से महाकाल मंदिर पहुंचा है.

सीबीआरआई की टीम सबसे पहले महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित साल में एक बार खुलने वाले नागचंदेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कर रही है. इस चार सदस्यीय टीम में डॉक्टर अचल मित्तल, डॉक्टर देवदत्त घोष, दीपक एस और ऋषभ अग्रवाल शामिल हैं. ये चारों 24 सितंबर तक महाकाल मंदिर में रहकर मजबूती की जांच करेंगे. वहीं अगले 6 महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपेंगे. इससे पहले कमेटी ने 7 सितंबर 2017 को मंदिर के स्ट्रक्चर का अवलोकन किया था और ऊपरी हिस्से में कई जगह मंदिर के स्ट्रक्चर को कमजोर बताया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण फिलहाल इस पूरे मामले में किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की.

उज्जैन। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच के लिए सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की की 4 सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंच गई है. सीबीआरआई की टीम महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर और अलग- अलग जगहों पर लगे पत्थरों के निर्माण सामग्री की जांच कर स्ट्रक्चर की मजबूती का पता लगाने में जुटी हुई है.

महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच करने पहुंची CBRI की टीम

विश्व प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग क्षरण को लेकर देश की सबसे बड़ी कोर्ट में लगी याचिका के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर के पूरे स्ट्रक्चर की मजबूती जांचने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की को आदेशित किया था. अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि, पूरे कार्य में लगने वाला 31 लाख रुपए का खर्चा महाकाल समिति वहन करेगी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चार सदस्यीय दल सीबीआरआई केंद्र भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की से महाकाल मंदिर पहुंचा है.

सीबीआरआई की टीम सबसे पहले महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थित साल में एक बार खुलने वाले नागचंदेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच कर रही है. इस चार सदस्यीय टीम में डॉक्टर अचल मित्तल, डॉक्टर देवदत्त घोष, दीपक एस और ऋषभ अग्रवाल शामिल हैं. ये चारों 24 सितंबर तक महाकाल मंदिर में रहकर मजबूती की जांच करेंगे. वहीं अगले 6 महीने में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपेंगे. इससे पहले कमेटी ने 7 सितंबर 2017 को मंदिर के स्ट्रक्चर का अवलोकन किया था और ऊपरी हिस्से में कई जगह मंदिर के स्ट्रक्चर को कमजोर बताया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण फिलहाल इस पूरे मामले में किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की.

Last Updated : Sep 22, 2020, 2:30 PM IST
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