उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में अब बिना अनुमति और जांच के कोई भी ड्रोन नहीं उड़ा पायेगा. दरअसल, 26-27 जून की रात को सीमा पार से आतंकियों ने विस्फोटक गिराने के लिए दो ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिसमें तकनीकी क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे.
संवेदनशील जगहों में से एक है महाकाल मंदिर
बता दें कि उज्जैन का महाकाल मंदिर भी संवेदनशील जगहों में से एक है. कई बार देश भर में अलर्ट के बाद महाकाल मंदिर में अलर्ट जारी किया जाता रहा है. अब ड्रोन को लेकर सुरक्षा सम्बन्धी दिशा-निर्देश तय होने से पहले उज्जैन संभाग के आईजी और एडीजी योगेश देशमुख ने संभाग के सभी पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं. संभाग की सभी संवेदनशील जगहों पर ड्रोन को लेकर सुरक्षा उपाय करें और बिना जांच और अनुमति के ड्रोन को उड़ने नहीं दिया जाए.
ड्रोन के लिए लेनी होगी अनुमति
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में बॉम स्क्वायड की टीम रोजाना सुबह और शाम महाकाल मंदिर में सर्चिंग के जाती है. अब जम्मू में हुए ड्रोन हमले के बाद उज्जैन रेंज के आईजी योगेश देशमुख ने आदेश दिया है कि महाकाल मंदिर पर ड्रोन उड़ाने के लिए न सिर्फ अनुमति लेना होगी, बल्कि ड्रोन को सुरक्षा एजेंसी से चेक भी करवाना होगा.
उज्जैन संवेदनशील क्यों है ?
उज्जैन शहर सिमी का गढ़ रहा है. शहर से सफदर नागोरी सहित आमिल परवेज और अन्य कई लोग प्रतिबंधित संघटनों में काम करने वालों की उज्जैन से धर पकड़ हो चुकी है. जम्मू में हुए आतंकी हमले के बाद अब उज्जैन के महाकाल मंदिर सहित संभाग के कई संवेदनशील क्षेत्रों के लिए एडीजी ने दिशा-निर्देश तय किये हैं.
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उज्जैन का महाकाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, काल भैरव मंदिर, मंगल नाथ मंदिर भी शामिल है. इसके अलावा मंदसौर का गांधी सागर डेम, मंदसौर का पशुपति नाथ मंदिर, देवास जिले की माता जी की टेकरी, आगर जिले का बगलामुखी माता मंदिर सहित अन्य क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने से पहले जांच और अनुमति जरूरी होगी.