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महाकाल की नगरी में खत्म होगा कांग्रेस का वनवास या बीजेपी की बादशाहत रहेगी बरकरार

उज्जैन लोकसभा सीट पर बीजेपी का दबदबा माना जाता है. बीजेपी के सत्यनारायण जटिया इस सीट 6 बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार यहां बीजेपी के अनिल फिरोजिया का मुकाबला कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय से हैं. बीजेपी ने यहां अपने वर्तमान सांसद चिंतामणि मालवीय की टिकट काट दिया था.

बीजेपी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया, कांग्रेस प्रत्याशी बाबूलाल मालवीय
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Published : May 18, 2019, 12:16 AM IST

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी के नाम से देशभर में अपनी पहचान रखने वाला उज्जैन शहर धर्म और आस्था का प्रतीक माना जाता है. देश और प्रदेश की सियासत का रास्ता भी बाबा महाकाल के दर से ही खुलता है. यही वजह है कि क्या आम क्या और खास सभी बाबा के दर पर मत्था टेकने आते हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उज्जैन लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है. जहां इस बार बीजेपी के अनिल फिरोजिया का मुकाबला कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय से हैं.

उज्जैन के सियासी इतिहास की जाए 1957 से इस सीट पर अब तक 15 आम चुनाव हुए हैं. जिनमें से 8 बार बीजेपी ने विजयश्री हासिल की है. तो कांग्रेस को चार बार जीत मिली है. जबकि दो बार जनसंघ और एक बार लोकदल के प्रत्याशी ने भी यहां जीत दर्ज की थी. बीजेपी के दिग्गज नेता सत्यनारायण जटिया ने इस सीट से लगातार 6 बार जीत चुके है. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू ने उनकी जीत पर ब्रेक लगा दिया था. खास बात यह है कि सत्यनारायण जटिया के अलावा इस सीट पर कोई भी नेता दोबारा जीत हासिल नहीं कर सका है.

क्या है उज्जैन का पॉलिटिक्स

उज्जैन संसदीय क्षेत्र में इस बार 14 लाख 98 हजार 473 मतदाता मतदान करेंगे. जिनमें 7 लाख 77हजार 646 पुरुष मतदाता और 7 लाख 20 हजार 818 महिला मतदाता शामिल हैं. उज्जैन लोकसभा सीट पर इस बार 2066 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 438 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है.

उज्जैन लोकसभा सीट के तहत उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, आलोट, नागदा-खाचरोद, बड़नगर, महिंदपुर, तराना और घटिया विधानसभा सीटें आती हैं. विधानसभा चुनाव में इन आठ सीटों में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है तो तीन सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. जिससे इस बार बीजेपी का यह गढ़ अब दरकता नजर आ रहा है. 2014 के चुनाव में बीजेपी के डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू को हराया था. बीजेपी ने इस बार चिंतामणि मालवीय का टिकट काटकर विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाले अनिल फिरोजिया को मौका दिया है.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बंटी इस लोकसभा सीट पर हर विधानसभा के अपने अलग-अलग मुद्दे हैं. ग्रामीण क्षेत्र का मतदाता जहां शिक्षा, स्वास्थय, पानी, सड़क जैसी परेशानियों से घिरा नजर आता है. तो वहीं शहरी आबादी स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी बेरोजगारी जेसी बड़ी समस्या से परेशान नजर आती है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी का मतदाता किसका 19 मई को किसका राजतिलक करता है, इसका पता तो 23 मई को ही चल पाएगा.

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी के नाम से देशभर में अपनी पहचान रखने वाला उज्जैन शहर धर्म और आस्था का प्रतीक माना जाता है. देश और प्रदेश की सियासत का रास्ता भी बाबा महाकाल के दर से ही खुलता है. यही वजह है कि क्या आम क्या और खास सभी बाबा के दर पर मत्था टेकने आते हैं. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उज्जैन लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाती है. जहां इस बार बीजेपी के अनिल फिरोजिया का मुकाबला कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय से हैं.

उज्जैन के सियासी इतिहास की जाए 1957 से इस सीट पर अब तक 15 आम चुनाव हुए हैं. जिनमें से 8 बार बीजेपी ने विजयश्री हासिल की है. तो कांग्रेस को चार बार जीत मिली है. जबकि दो बार जनसंघ और एक बार लोकदल के प्रत्याशी ने भी यहां जीत दर्ज की थी. बीजेपी के दिग्गज नेता सत्यनारायण जटिया ने इस सीट से लगातार 6 बार जीत चुके है. 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू ने उनकी जीत पर ब्रेक लगा दिया था. खास बात यह है कि सत्यनारायण जटिया के अलावा इस सीट पर कोई भी नेता दोबारा जीत हासिल नहीं कर सका है.

क्या है उज्जैन का पॉलिटिक्स

उज्जैन संसदीय क्षेत्र में इस बार 14 लाख 98 हजार 473 मतदाता मतदान करेंगे. जिनमें 7 लाख 77हजार 646 पुरुष मतदाता और 7 लाख 20 हजार 818 महिला मतदाता शामिल हैं. उज्जैन लोकसभा सीट पर इस बार 2066 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 438 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है.

उज्जैन लोकसभा सीट के तहत उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, आलोट, नागदा-खाचरोद, बड़नगर, महिंदपुर, तराना और घटिया विधानसभा सीटें आती हैं. विधानसभा चुनाव में इन आठ सीटों में से पांच सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है तो तीन सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. जिससे इस बार बीजेपी का यह गढ़ अब दरकता नजर आ रहा है. 2014 के चुनाव में बीजेपी के डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू को हराया था. बीजेपी ने इस बार चिंतामणि मालवीय का टिकट काटकर विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाले अनिल फिरोजिया को मौका दिया है.

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच बंटी इस लोकसभा सीट पर हर विधानसभा के अपने अलग-अलग मुद्दे हैं. ग्रामीण क्षेत्र का मतदाता जहां शिक्षा, स्वास्थय, पानी, सड़क जैसी परेशानियों से घिरा नजर आता है. तो वहीं शहरी आबादी स्मार्ट सिटी में शामिल होने के बाद भी बेरोजगारी जेसी बड़ी समस्या से परेशान नजर आती है. ऐसे में बाबा महाकाल की नगरी का मतदाता किसका 19 मई को किसका राजतिलक करता है, इसका पता तो 23 मई को ही चल पाएगा.

Intro:उज्जैन आलोट लोकसभा सीट का क्या है इतिहास कांग्रेस और बीजेपी के उज्जैन आलोट संसदीय सीट से अब तक जीता है चाहे वह कांग्रेस का हो या बीजेपी का


Body:उज्जैन उज्जैन आलोट लोकसभा सीट का इतिहास 1980 से लेकर 2009 तक हुए आम सभा चुनाव में कांग्रेस केवल 2 बार ही इस सीट पर जीत पाई है पहला 1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बात चली लहर में और दूसरा 2009 में लोकसभा सीट 1967 से आरक्षित है अजा वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर 1967 और 1971 के चुनावों में भारतीय जनसंघ के प्रत्याशी को जीत मिली थी 1970 के चुनाव में भारतीय लोक दल के हुकुमचंद कछुआ को जीत मिली थी 2009 के चुनाव में प्रेमचंद गुड्डू कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए और कांग्रेस के प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू को जीत गए








Conclusion:उज्जैन लोकसभा सीट में 8 विधानसभा आती है
मतदाता 1498473
पुरुष वोटर 777646
महिला वोटर 720818

यह भी जाने
कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारा भाजपा में नए व पुराने चेहरे में चयन को लेकर उलझन 1980 से लेकर 2009 के बीच हुए 9 चुनाव में कांग्रेस 2 बार जीती भाजपा के डॉक्टर सत्यनारायण जटीया 7 बार विजयी रहे।

9 बार भाजपा 4 बार कांग्रेस जीती

वर्ष सांसद पार्टी

1957 में राधेलाल व्यास कांग्रेस
1962 में राधेलाल व्यास कांग्रेस
1967 में हुकुमचंद जनसंघ
1971 में फूलचंद वर्मा जनसंघ
1977 में हुकुमचंद कछवाय बीएलडी
1980 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1984 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1989 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1991 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1996 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1998 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
1999 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
2004 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
2009 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा
2014 में डॉ सत्यनारायण जटिया भाजपा

8 सीट लोकसभा क्षेत्र में नागदा खाचरोद, महिदपुर, तराना, घटिया, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, और आलोट सहित कुल 8 विधानसभा आती है।

नागदा

1 विधानसभा का नाम नागदा खाचरोद
2 जनसंख्या अनुमानित 3 लाख
3 मतदाता पुरुष 106853 , महिला 101916 अदर 13 (2019 के अनुसार)
4 मतदाता 208782 शहरी एव ग्रामीण वोटिंग प्रतिशत 81,38 पुरुष 76,80 महिला (2013 के अनुसार)
विधानसभा में नगर पालिका में वार्ड संख्या 36
b नगरी निकाय, नगर पालिका परिषद
c गांव की संख्या कुल 250



महिदपुर
विधानसभा का नाम महिदपुर
चंदन का अनुमानित 3 लाख
मतदाता पुरुष 101712 , महिला 95563, अदर 12
मतदाता 197287 शहरी एव ग्रामीण वोटिंग 81.58 पुरुष, 73.51 महिला (2013 के अनुसार)
विधानसभा में नगर पालिका वार्ड संख्या 18
नगरी निकाय नगर पालिका परिषद
गांव की संख्या कुल 220 जिसमे 120 पंचायतें



तराना

विधानसभा का नाम तराना
जनसंख्या अनुमानित 3 लाख
मतदाता पुरुष 90256, महिला 86509 अदर 3
वोटिंग प्रतिशत 78,70 पुरुष ,7078 महिला (2013 के अनुसार)
गांव की संख्या खुला 230


घट्टिया

विधानसभा का नाम घटिया
जनसंख्या अनुमानित 3 लाख
मतदाता पुरुष 106842 , महिला 101358 कुल 208206 अदर 6
विधानसभा मैं नगर पालिका में वार्ड संख्या 15
नगरी निकाय नगर पालिका परिषद
गांव की संख्या कुल 150


उज्जैन उत्तर

विधानसभा का नाम उज्जैन उत्तर
जनसंख्या अनुमानित 4 लाख
मतदाता पुरुष 113668,महिला 110820 अदर 12 कुल 224500
मतदाता 221436 सभी शहरी



उज्जैन दक्षिण

विधानसभा का नाम उज्जैन दक्षिण जनसंख्या
अनुमानित 4 लाख
मतदाता पुरुष 127101 ,महिला 122022 अदर 16 कुल 249139
विधानसभा में नगर निगम मैं वार्ड संख्या 21 नगरी निकाय उज्जैन नगर निगम



बड़नगर

विधानसभा का नाम बडनगर
जनसंख्या अनुमानित 3 लाख
मतदाता पुरुष 98451 , महिला 93922 ,अदर 5
कुल 192378 (2013 के अनुसार )
मतदाता 183074 शहरी एवं ग्रामीण
नए मतदाता पुरुष 94880, महिला 88193 अंदर एक
पिछले पांच साल में 14208 नए मतदाता बढ़े है।
वोटिंग प्रतिशत 82,97 पुरुष , महिला 7406 (2013 के अनुसार)




आलोट

विधानसभा का नाम आलोट
मतदाता पुरुष 104379 , महिला 98199 ,अदर 5 कुल 202583 है।


संवेदनशील बूथ की संख्या कुल 438 है।



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