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उज्जैन: 14वीं विज्ञान मंथन यात्रा हुई शुरु, बच्चे कर रहे वैज्ञानिक संस्थानों की वर्चुअल सैर - 14th Science Manthan Yatra

प्रदेश में प्रतिभाशाली स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित 14वीं विज्ञान मंथन यात्रा 18 जनवरी से शुरु हो गई है. विज्ञान मंथन यात्रा में कुल 1051 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं.

vigyan manthan yatra
विज्ञान मंथन यात्रा
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Published : Jan 20, 2021, 6:39 AM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के प्रतिभाशाली स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित 14वीं विज्ञान मंथन यात्रा 18 जनवरी से प्रारंभ हो गई है. इसमें विद्यार्थियों को देश के साथ वैज्ञानिक संस्थानों का वर्चुअल भ्रमण कराया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआईआर की प्रयोगशाला और उत्तराखंड विज्ञान व औद्योगिक परिषद शामिल है.

दरअसल इस यात्रा में बच्चों को प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों से वर्जन संवाद और सवालों को पूछने का अवसर मिल रहा है. डॉक्टर अनिल कोठारी ने यह भी कहा कि ये शैक्षणिक यात्रा से लगातार 13 वर्षों से जारी है. बता दें, मिशन एक्सीलेंस विज्ञान मंथन यात्रा की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी. 2019 के दौरान 4051 विद्यार्थियों और 599 शिक्षक की यात्रा में भाग ले चुके हैं. वहीं विज्ञान मंथन यात्रा के प्रभारी प्रधान वैज्ञानिक निरंजन शर्मा की मानें तो विज्ञान मंथन यात्रा में कुल 1051 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं और जल विज्ञान मंथन यात्रा का समापन 28 जनवरी को होना है.

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर के जिज्ञासा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और स्ट्रक्चरल इंजीनियर रिसर्च सेंटर के बारे में अभिनव और देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली प्रौद्योगिक के बारे में रोचक और सरल अंदाज में विद्यार्थियों को बताया गया. वहीं 20 और 21 जनवरी को वैज्ञानिक संस्थानों का कराया वर्चुअल भ्रमण जाएगा.

यात्रा के पहले दिन 18 जनवरी को बच्चों ने चेन्नई की सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर की प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया. यह दोनों प्रयोगशाला देश के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास संगठन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्यरत है. सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ अमित अशोक वरनेकर ने केमिस्ट्री इन नेचर विषय पर व्याख्यान के दौरान क्रोमेटोग्राफी के बारे में प्रयोग और रोचक जानकारी दी. बच्चों को वीडियो को प्रजेंटेशन के माध्यम से लेटी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों से भी परिचित कराया गया.

ज्ञात रहे विज्ञान मंथन यात्रा का दूसरा दौर 20 जनवरी को होगा, इस दौरान सभी पांचों कक्षाओं के विद्यार्थियों को नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ की प्रयोगशाला का प्रमाण और वैज्ञानिकों से संवाद कराया जाएगा. तीसरे दौर में 21 जनवरी को उत्तराखंड वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी परिषद (युकॉस्ट) देहरादून की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों से परिचित कराना के साथ ही वर्चुअल भ्रमण कराया जाएगा.

उज्जैन। मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के आठवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के प्रतिभाशाली स्कूली विद्यार्थियों के लिए आयोजित 14वीं विज्ञान मंथन यात्रा 18 जनवरी से प्रारंभ हो गई है. इसमें विद्यार्थियों को देश के साथ वैज्ञानिक संस्थानों का वर्चुअल भ्रमण कराया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआईआर की प्रयोगशाला और उत्तराखंड विज्ञान व औद्योगिक परिषद शामिल है.

दरअसल इस यात्रा में बच्चों को प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिकों से वर्जन संवाद और सवालों को पूछने का अवसर मिल रहा है. डॉक्टर अनिल कोठारी ने यह भी कहा कि ये शैक्षणिक यात्रा से लगातार 13 वर्षों से जारी है. बता दें, मिशन एक्सीलेंस विज्ञान मंथन यात्रा की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी. 2019 के दौरान 4051 विद्यार्थियों और 599 शिक्षक की यात्रा में भाग ले चुके हैं. वहीं विज्ञान मंथन यात्रा के प्रभारी प्रधान वैज्ञानिक निरंजन शर्मा की मानें तो विज्ञान मंथन यात्रा में कुल 1051 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं और जल विज्ञान मंथन यात्रा का समापन 28 जनवरी को होना है.

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर के जिज्ञासा वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और स्ट्रक्चरल इंजीनियर रिसर्च सेंटर के बारे में अभिनव और देश को आत्मनिर्भर बनाने वाली प्रौद्योगिक के बारे में रोचक और सरल अंदाज में विद्यार्थियों को बताया गया. वहीं 20 और 21 जनवरी को वैज्ञानिक संस्थानों का कराया वर्चुअल भ्रमण जाएगा.

यात्रा के पहले दिन 18 जनवरी को बच्चों ने चेन्नई की सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर की प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया. यह दोनों प्रयोगशाला देश के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास संगठन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अंतर्गत कार्यरत है. सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट चेन्नई के वैज्ञानिक डॉ अमित अशोक वरनेकर ने केमिस्ट्री इन नेचर विषय पर व्याख्यान के दौरान क्रोमेटोग्राफी के बारे में प्रयोग और रोचक जानकारी दी. बच्चों को वीडियो को प्रजेंटेशन के माध्यम से लेटी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों से भी परिचित कराया गया.

ज्ञात रहे विज्ञान मंथन यात्रा का दूसरा दौर 20 जनवरी को होगा, इस दौरान सभी पांचों कक्षाओं के विद्यार्थियों को नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ की प्रयोगशाला का प्रमाण और वैज्ञानिकों से संवाद कराया जाएगा. तीसरे दौर में 21 जनवरी को उत्तराखंड वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी परिषद (युकॉस्ट) देहरादून की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों से परिचित कराना के साथ ही वर्चुअल भ्रमण कराया जाएगा.

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