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टीकमगढ़ जिले में माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन की नाक के नीचे से चोरी हो गई 400 ट्राली रेत - बूदौर गांव में रेत की चोरी

टीकमगढ़ जिले में रेत माफिय का हौसले इतने बुलंद हैं कि वे प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जब्त की गई रेत को भी चोरी करके ले जा रहे हैं. जिले के बूदौर गांव में प्रशासन ने करीब 700 ट्राली अवैध रेत जब्त की थी. जिसमें से 400 ट्राली रेत की चोरी हो गई.

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टीकमगढ़ न्यूज
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Published : Jul 22, 2020, 6:06 PM IST

टीकमगढ़। जिले की पलेरा तहसील के बूदौर गांव में प्रशासन की नाक के नीचे रेत चुराए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि, यहां प्रशासन की टीम ने अवैध रेत जब्त की थी. इस रेत को बूदौर गांव में रखा गया था. जिसका कुछ हिस्सा अज्ञात लोग डंपर में भरकर चुरा ले गए

टीकमगढ़ जिले में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद

बूदौर गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर तहसीलदार ने करीब 700 ट्राली रेत जब्त की थी. लेकिन इस रेत में से करीब 400 ट्राली रेत चोरी हो गई. रेत चोरी का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से रेत की चोरी की जा रही है. जिस डंपर पर रेत भरी जा रही है, उस पर गौर बंधु लिखा हुआ है. बावजूद इसके मामले में प्रशासन ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की.

थाना पलेरा में अज्ञात लोगों के खिलाफ मात्र 10 ट्राली रेत चोरी करने का मामला दर्ज कराया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि, रेत का यह काला कारोबार खनिज विभाग और रेत माफियाओं की सांठगांठ के चलते चल रहा है. जबकि जिले के आला अधिकारी मूक दर्शक बने बैठे हैं. जिसकी वजह से शासन को लाखों रुपयों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. मामले में जब जांच करने पहुंचे खनिज उपनिरीक्षक यजीम खान से मामले के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो वे कैमरे से बचते नजर आए.

बूदौर गांव में चल रहे रेत के अवैध करोबार की शिकायतों पर दो बार कार्रवाई की गई थी. पहली कार्रवाई 6 जून को तत्कालीन तहसीलदार एके गुप्ता ने की थी. उन्होंने यहां से 400 ट्राली अवैध रेत जब्त की थी. जबकि दूसरी कार्रवाई वर्तमान तहसीलदार हर्षिल चौधरी ने की थी, जिसमें उन्होंने 300 ट्राली रेत जब्त की थी. इस पूरी रेत की कीमत आठ लाख रुपए थी. यानि प्रशासन के दो अधिकारियों ने मेहनत करके करीब 700 ट्राली अवैध रेत जब्त की. लेकिन प्रशासन के कुछ अधिकारियों की लापरवाही से रेत चोरी हो गई. जिसमें जिम्मेदारों ने कार्रवाई की जहमत तक नहीं उठाई.

टीकमगढ़। जिले की पलेरा तहसील के बूदौर गांव में प्रशासन की नाक के नीचे रेत चुराए जाने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि, यहां प्रशासन की टीम ने अवैध रेत जब्त की थी. इस रेत को बूदौर गांव में रखा गया था. जिसका कुछ हिस्सा अज्ञात लोग डंपर में भरकर चुरा ले गए

टीकमगढ़ जिले में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद

बूदौर गांव में दो अलग-अलग स्थानों पर तहसीलदार ने करीब 700 ट्राली रेत जब्त की थी. लेकिन इस रेत में से करीब 400 ट्राली रेत चोरी हो गई. रेत चोरी का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें रात के अंधेरे में जेसीबी मशीन से रेत की चोरी की जा रही है. जिस डंपर पर रेत भरी जा रही है, उस पर गौर बंधु लिखा हुआ है. बावजूद इसके मामले में प्रशासन ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की.

थाना पलेरा में अज्ञात लोगों के खिलाफ मात्र 10 ट्राली रेत चोरी करने का मामला दर्ज कराया गया है, जिससे साफ जाहिर होता है कि, रेत का यह काला कारोबार खनिज विभाग और रेत माफियाओं की सांठगांठ के चलते चल रहा है. जबकि जिले के आला अधिकारी मूक दर्शक बने बैठे हैं. जिसकी वजह से शासन को लाखों रुपयों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. मामले में जब जांच करने पहुंचे खनिज उपनिरीक्षक यजीम खान से मामले के बारे में जानकारी लेनी चाही, तो वे कैमरे से बचते नजर आए.

बूदौर गांव में चल रहे रेत के अवैध करोबार की शिकायतों पर दो बार कार्रवाई की गई थी. पहली कार्रवाई 6 जून को तत्कालीन तहसीलदार एके गुप्ता ने की थी. उन्होंने यहां से 400 ट्राली अवैध रेत जब्त की थी. जबकि दूसरी कार्रवाई वर्तमान तहसीलदार हर्षिल चौधरी ने की थी, जिसमें उन्होंने 300 ट्राली रेत जब्त की थी. इस पूरी रेत की कीमत आठ लाख रुपए थी. यानि प्रशासन के दो अधिकारियों ने मेहनत करके करीब 700 ट्राली अवैध रेत जब्त की. लेकिन प्रशासन के कुछ अधिकारियों की लापरवाही से रेत चोरी हो गई. जिसमें जिम्मेदारों ने कार्रवाई की जहमत तक नहीं उठाई.

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