टीकमगढ़ । जिले में कल मध्य प्रदेश पुलिस पर लगे लूट के मामले को लेकर सनसनी फैल गई. लेकिन बाद में तहकीकात करने पर लूट की सारी कहानी ही झूठी निकली.
शनिवार को टीकमगढ़ के गांव खैरा निवासी भूमानिदास आदिवासी ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो भारतीय स्टेट बैंक जतारा से 7 लाख 30 हजार रुपए लेकर अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल से घर लौट रहा था. अचानक मजना गांव में स्थानीय पुलिस चौकी पर चेकिंग के दौरान उसकी गाड़ी से 7 लाख 30 हजार रुपया छीन लिए गए. भूमानिदास ने पुलिस पर लूट का आरोप लगाते हुए जिला पुलिस अधीक्षक को इसकी शिकायत की थी.
पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए तो रात में ही पुलिस मजना चौकी गई. इसके बाद भूमानिदास ने जिस बैंक से पैसे निकालने की बात कही थी, पुलिस ने उस बैंक में भी जाकर जांच-पड़ताल की तो पता चला कि उसने कल बैंक से कोई पैसे ही नहीं निकाले. तब जाकर पुलिस को ये कहानी झूठी लगी और जांच की तो पता चला कि भूमानीदास पर मजदूरों का लाखों रुपया बकाया था. पैसे के इंतजाम को लेकर उसने ये कहानी रची थी. जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और झूठी कहानी की बात स्वीकार कर ली. झूठी कहानी रचकर पुलिस को बदनाम करने बाले भूमानिदास पर पुलिस ने धारा-188 के तहत केस दर्ज कर लिया है.