टीकमगढ़। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण भयावह स्थिति में पहुंच गया हैं. संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं सिलेंडर को लेकर टीकमगढ़ में भी सियायत देखने को मिल रही है. उत्तर प्रदेश के प्लांट से 50 सिलेंडर लेकर आ रहा वाहन अचानक गायब हो गया. लिहाजा विधायक राकेश गिरी को इस पूरे मामले में घेरा गया. उन पर आरोप है कि उन्होंने एक प्राइवेट ऑक्सीजन वाहन को अपने समर्थक से गायब करा दिया. यह नाटक लगभग तीन घंटे तक चलता रहा. हालांकि इसके बाद अचानक वाहन जिला चिकित्सालय में पहुंच गया.
संदीप खंडेलवाल का आरोप
ऑक्सीजन सप्लायर संदीप खंडेलवाल ने कहा कि कलेक्टर द्वारा परमिशन के बाद हमारी गाड़ी चार दिन बाद सुमेरपुर जिले से भरकर आई थी. वो गाड़ी टीकमगढ़ आने के बाद सुबह 8 बजे बस स्टैंड तक आई. उस गाड़ी को किसी ने हाईजैक कर लिया है. गाड़ी और 50 सिलेंडर गायब हैं. उस गाड़ी में हमारे दो ड्राइवर थे. ड्राइवरों के साथ एक व्यक्ति था, जो विधायक राकेश गिरी का आदमी था. हमारे ड्राइवरों को उतारकर खुद गाड़ी लेकर चले गए.
ऑक्सीजन सप्लायर ने विधायक राकेश गिरी पर आरोप लगाया कि विधायक ने उनके ऑक्सीजन सिलेंडरों से भरे वाहन को रास्ते से गायब करा दिया. इसकी जानकारी लगने के बाद उसने अपने साथियों के साथ वाहन को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन जब वाहन नहीं मिला, तो अपने साथियों के साथ कोतवाली थाने पहुंचे, जहां उन्होंने वाहन गायब होने की शिकायत दर्ज कराने की भरसक कोशिश की, लेकिन मामले में विधायक का नाम सामने आने के बाद पुलिस के हाथ पांव फूल गए. मामले को पुलिस ने बिना शिकायत दर्ज किए टाल दिया.
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विधायक राकेश गिरी ने क्या कहा ?
हालांकि, मामला तूल पकड़ता देख अचानक ऑक्सीजन सिलेंडरों से भरा वाहन लेकर विधायक राकेश गिरी जिला अस्पताल पहुंचे. ऑक्सीजन वितरित करना शुरू कर दिया. वहीं इस मामले में विधायक राकेश गिरी ने कहा कि ये चूंकि जिनके पास कुछ बचा नहीं राजनीति में करने के लिए, वो बहुत छोटी राजनीति कर रहे है. आए दिन ऐसी गंदी पोस्ट डाल रहे है, जो समाज को भ्रमित कर रही है. वो कुछ कर नहीं सकते, केवल समाज को भ्रमित करने का कार्य कर सकते है. मैंने खुद मंगवाएं है, जिसका टीमकगढ़ कलेक्टर द्वारा पत्र लिखा गया है. कंपनी के स्क्रीनशॉट मैंने दिए है. हां खाली सिलेंडर मेरे पास नहीं थे, जो संदीप खंडेलवाल से मैंने लिए है. जैसे ही मरीजों को बंट जायेंगे, वैसे ही खाली सिलेंडरों को उनको वापस कर दिए जायेंगे.
फिलहाल पूरे मामले में ऑक्सीजन की किल्लत का सियासी रंग देखने को मिला. सियासत किसी ने भी की हों, लेकिन जरूरी है कि ऑक्सीजन सिलेंडर जरूरतमंद लोगों के पास पहुंचे.