टीकमगढ़। जिले के नजरबाग में बना मंदिर और मजार हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. ये कौमी एकता की मिसाल बन गया है. यह दरबार जिले में अमन और चैन का प्रतीक है. ये हिन्दू और मुस्लिम धर्मावलंबियों के बीच एक सेतु का काम कर रहा है. यहां पर दोनों दरबार में जाने पर ही लोगों की मुरादें होती हैं. यहां बने मंदिर और मज़ार दोनों पर लोगों की पूरी आस्था है.
जिले के नजरबाग में राम और रहीम का अनोखा दरबार है. मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों की हर मुराद पूरी होती है. मान्यता है कि मन्दिर में भगवान राम के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं तब तक पूरी नहीं होती, जब तक वे बाबा साहब के यहां पर भी मत्था नहीं टेकते. इसलिए मंदिर में दर्शन करने के बाद श्रद्धालु बाबा के दरबार में भी जाते हैं. ठीक ऐसा ही मुस्लिम भी करते हैं. वे पहले मजार पर मत्था टेकते हैं और इसके बाद मन्दिर में जाकर भगवान राम का आशीर्वाद लेते हैं.
जब भी कोई धर्मिक आयोजन मन्दिर में होता है, तो मन्दिर के साथ-साथ मजार को भी आकर्षक तरीके से सजाकर लाइटिंग की जाती है. यही नहीं उर्स के मौके पर मजार और मंदिर में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं. मजार के साथ-साथ मन्दिर को भी सजाया जाता है. जिसके बाद दोनों दरबार में भोग लगाया जाता है.