ETV Bharat / state

टीकमगढ़: कोरोना के चलते बाजार में छाई मंदी, दुकानदारों को सता रहा भरण-पोषण का डर - Employment of Tikamgarh workers

टीकमगढ़ जिले में कोरोना महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थित खराब हो गई है. जिसके चलते बाजारों से रौनक गायब हो गई है. ऐसे में दुकानदारों को भरण-पोषण का संकट सता रहा है.

Market slowed due to Corona in tikamgarh
कोरोना के चलते बाजार में छाई मंदी
author img

By

Published : Sep 13, 2020, 4:26 AM IST

टीकमगढ़। जिले में कोरोना महामारी के चलते किए लगाए गए प्रतिबंधों से कई लोगों के आर्थिक स्थित खराब हो गई है. कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूर वर्ग पर पड़ा है. लगातार 6 माह तक कोरोना के भय से लॉक डाउन लगा रहा और लोग अपने अपने घरों में कैद रहे. इन 6 महीनों के दौरान वे अपनी बची-कुची जमा पूंजी निकालकर अपना पेट भरते रहे. लेकिन अब उनकी हालत बहुत खराब हो चुकी है. आलम ये है कि वे अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं.

बाजारों की रौनक गायब

जिले के बाजार अभी तक पटरी पर नही आ पा रहे हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. सुभाष चौक, जवाहरचोक, पपोरा चोक ,नजाई बाजार में जहां लोगों की भीड़ के कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती थी, वहां अब गलियां सुनी दिखाई देती हैं. दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ग्राहक दिखाई नहीं देते क्योकि अब् लोगों के पास पैसे नहीं हैं और वे बाजार में नहीं आते हैं. कोरोना के चलते जिले में लौटे तकरीबन 90 हजार मजदूरों को रोजगार के कोई अवसर नहीं मिले. जिससे बाजार भी प्रभावित हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ लोग कोरोना के डर से भी बाजारो का रूख नहीं कर रहे हैं. बाजार में आई मंदी से व्यापारी भी काफी परेशान हैं.

जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार जारी है. रोजाना कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिससे लोग भयभीत हैं और लोग बाजार में जाने से कतरा रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि वे कोरोन से बचने के लिए मास्क का लगातार उपयोग कर रहे हैं. साथ ही हर घण्टे में हाथों को सेनेटाइज करते हैं और सभी दो गज की दूरी भी बनाकर चलते हैं. जिससे इस महामारी से बचा जा सके. लेकिन बाजारों की रौनक खत्म होने से सभी दुकानदार परेशान दिखाई दिए. दुकानदारों को चिंता है कि इस मंदी में वे अपना परिवार कैसै चलाएंगे.

टीकमगढ़। जिले में कोरोना महामारी के चलते किए लगाए गए प्रतिबंधों से कई लोगों के आर्थिक स्थित खराब हो गई है. कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूर वर्ग पर पड़ा है. लगातार 6 माह तक कोरोना के भय से लॉक डाउन लगा रहा और लोग अपने अपने घरों में कैद रहे. इन 6 महीनों के दौरान वे अपनी बची-कुची जमा पूंजी निकालकर अपना पेट भरते रहे. लेकिन अब उनकी हालत बहुत खराब हो चुकी है. आलम ये है कि वे अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं.

बाजारों की रौनक गायब

जिले के बाजार अभी तक पटरी पर नही आ पा रहे हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. सुभाष चौक, जवाहरचोक, पपोरा चोक ,नजाई बाजार में जहां लोगों की भीड़ के कारण जाम की स्थिति पैदा हो जाती थी, वहां अब गलियां सुनी दिखाई देती हैं. दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ग्राहक दिखाई नहीं देते क्योकि अब् लोगों के पास पैसे नहीं हैं और वे बाजार में नहीं आते हैं. कोरोना के चलते जिले में लौटे तकरीबन 90 हजार मजदूरों को रोजगार के कोई अवसर नहीं मिले. जिससे बाजार भी प्रभावित हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ लोग कोरोना के डर से भी बाजारो का रूख नहीं कर रहे हैं. बाजार में आई मंदी से व्यापारी भी काफी परेशान हैं.

जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार जारी है. रोजाना कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिससे लोग भयभीत हैं और लोग बाजार में जाने से कतरा रहे हैं. दुकानदारों का कहना है कि वे कोरोन से बचने के लिए मास्क का लगातार उपयोग कर रहे हैं. साथ ही हर घण्टे में हाथों को सेनेटाइज करते हैं और सभी दो गज की दूरी भी बनाकर चलते हैं. जिससे इस महामारी से बचा जा सके. लेकिन बाजारों की रौनक खत्म होने से सभी दुकानदार परेशान दिखाई दिए. दुकानदारों को चिंता है कि इस मंदी में वे अपना परिवार कैसै चलाएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.