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टीकमगढ़ दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में मनाया गया लुइस ब्रेल का जन्मदिन, कलेक्टर रही मौजूद - Louis Braille's birthday

टीकमगढ़ के दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में ब्रेल लिपि के निर्माता लुइस ब्रेल का जन्मदिन दिव्यांगों के साथ मनाया गया.

Louis Braille's Birthday Celebrated at Tikamgarh Disability Rehabilitation Center
दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में लुइस ब्रेल का जन्मदिन
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Published : Jan 4, 2020, 8:49 PM IST

टीमकगढ़। जिले में शनिवार को ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल का जन्मदिन जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में मनाया गया. इस दौरान कलेक्टर हरिष्का सिंह भी मोजूद रही. उन्होंने दिव्यांगों से बातचीत कर उन्हें ब्रेल लिपि के निर्माता लुइस ब्रेल के बारे में जानकारी दी. साथ ही नेत्रहीन दिव्यांगों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए समाज और पंचायत कल्याण के उपसंचालक को निर्देशित किया.

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में लुइस ब्रेल का जन्मदिन

वहीं कलेक्टर ने पूरी तरह से आंखों से दिव्यांग लोगों को ब्रेल लिपि की सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की, जिससे वे घर बैठकर ब्रेल लिपि से पढ़ाई-लिखाई कर आगे बढ़ सके. बता दें, टीकमगढ जिले के इस दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में ब्रेल लिपि से लगभग 50 दिव्यांग बाहर पढ़ाई के लिए भेजे गए और अभी यहां 15 दिव्यांग इस लिपि से पढ़ाई कर रहे है .

टीमकगढ़। जिले में शनिवार को ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल का जन्मदिन जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में मनाया गया. इस दौरान कलेक्टर हरिष्का सिंह भी मोजूद रही. उन्होंने दिव्यांगों से बातचीत कर उन्हें ब्रेल लिपि के निर्माता लुइस ब्रेल के बारे में जानकारी दी. साथ ही नेत्रहीन दिव्यांगों को और बेहतर सुविधाएं देने के लिए समाज और पंचायत कल्याण के उपसंचालक को निर्देशित किया.

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में लुइस ब्रेल का जन्मदिन

वहीं कलेक्टर ने पूरी तरह से आंखों से दिव्यांग लोगों को ब्रेल लिपि की सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा की, जिससे वे घर बैठकर ब्रेल लिपि से पढ़ाई-लिखाई कर आगे बढ़ सके. बता दें, टीकमगढ जिले के इस दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में ब्रेल लिपि से लगभग 50 दिव्यांग बाहर पढ़ाई के लिए भेजे गए और अभी यहां 15 दिव्यांग इस लिपि से पढ़ाई कर रहे है .

Intro:एंकर इंट्रो / टीकमगढ जिले में आज दिव्यांग ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल का जन्मदिन मनाया गया जिसमें टीकमगढ़ क्लेक्टर हुई सामिल ओर तमाम दिव्यांग रहे मोजूद


Body:काउंटर वाइट /01 श्रीमती हरिष्का सिंह कलेक्टर टीकमगढ

वाईट /02 दिनेश पटेल मुबीलेटर दिव्यांग पुनर्वास केंद्र टीकमगढ

वाइस ओबर / टीकमगढ जिले में आज देश के जाने माने दिव्यांग ओर ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल का जन्मदिन जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में मनाया गया दिव्यांगो के बीच इस दौरान टीकमगढ़ जिले की ऊर्जावान कलेक्टर श्रीमती हरिष्का सिंह भी मोजूद रही और दिव्यांगो से बात चीत कर ब्रेल लिपि के निर्माता लुइस ब्रेल के बारे में जानकारी लेती रही और उन्होंने भी ब्रेल लिपि के निर्माता लुइस ब्रेल का जन्मदिन दिव्यांगो के बीच मनाया ओर आंखों से दिव्यागो को ओर बेहतर सुबिधाये देने की बात कही और समाज और पँचायत कल्याण के उपसंचालक को निर्देशित करते हुए बेहतर सुबिधाये बढ़ाने की बात कही गई और कहा कि अब 100 प्रतिसत आंखों से दिव्यांगो को ब्रेल लिपि की सामग्री निषुल्क बितरित की जाबेगी जिससे वह घर बैठकर ब्रेल लिपि से पढ़ाई और लिखाई कर आगे बढ़ सके वही दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के मुबीलाइटर के द्वारा बताया गया कि ब्रेल लिपि के जनक नेकीस तरह मेहनत कर देश मे अपना नाम रोशन किया दोनों आंखों से 100 प्रतिसत दिव्यांग होने के बाबजूद भी ओर उन्होंने हिम्मत नही हारी ओर देश के लाखों दिव्यांगो के लिए अमरता भरी सौगात देकर गए थे






Conclusion:टीकमगढ ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल भी जन्म से दोनों आंखों से 100 प्रतिसत अंधे थे लेकिन फिर भी उन्होंने उड़ान भरी ओर 10 बी तक कि पढ़ाई अंधों की पाठशाला में कई और वह 23 साल की उम्र में टीचर बन गए और उन्होंने ब्रेल लिपि की एक पुस्तक लिखी लेकिन उनकी इस पुस्तक को मान्यता नही मिली और वह परेसान होते रहे और देश आंखों से दिव्यांगो को परेसान होते रहे लेकिन उनके द्वारा ब्रेल लिपी में लिखी गई इस पुस्तक ओर ब्रेल लिपि को 100 साल बाद मान्यता मिली और आज हजारो लाखो आंखों से दिव्यांग इनकी इस ब्रेल लिपि से पढ़कर अपनी शिक्षा पूरी कर रहे है !और यह आगे बढ़ रहे है !ब्रेल लिपि में हाथों से टटोलकर पड़ा और लिखा जाता है !आज लुइस ब्रेल ने दिव्यांगो को इस का अबिस्कार कर एक दिव्य ज्योति प्रदान करने का काम किया है !लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनबरी 1809 में हुआ था और मौत 6 मार्च 1852 में हुई थी टीकमगढ जिले के इस दिव्यांग पुरवास केंद्र में ब्रेल लिपि से तकरिवन 50 दिव्यांग वाहर पढ़ाई के लिए भेजे गए और अभी यहां पर बर्तमान में 15 दिव्यांग इस लिपि से पढ़ाई कर रहे है !
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