टीकमगढ़। जिले के कुंडेश्वर धाम रहने वाली स्वाति सिरोठिया एग्रीकल्चर से एमएससी करने 2020 में इजरायल गयी थी और इसी महीने अपनी डिग्री पूरी करके वापस आने वाली थी, लेकिन इसके पहले इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ जाने के कारण फंस गयी है. वह अपने हाॅस्टल में है और युद्ध की विभीषिका के बीच वापसी के लिए परेशान है. अपने पिता को वीडियोकाॅल के जरिए स्वाति ने बताया है कि "उसके साथ जो दूसरे देशों के बच्चे यहां थे, उनको वहां के देशों ने हेलीकाॅप्टर भेजकर वापस बुला लिया है, लेकिन भारत सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. वापसी के लिए स्वाति ने इजरायल स्थित भारतीय दूतावास भी संपर्क किया था, लेकिन आश्वासन के अलावा अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ है. ऐसे में स्वाति के पिता ने टीकमगढ कलेक्टर के जरिए पीएम मोदी से बेटी की वतन वापसी की गुहार लगायी है.
एग्रीकल्चर यूनिवर्सटी में कर रही थी पढाई: इजरायल में युद्ध में फंसी स्वाति सिरोठिया की बात करें, तो टीकमगढ़ के कुंडेश्वर धाम इलाके की रहने वाली स्वाति टीकमगढ़ एग्रीकल्चर यूनिवर्सटी की प्रतिभावान छात्रा है. साल 2020 में उसका विश्व की जाने मानी एग्रीकल्चर यूनिवर्सटी हिब्रू एग्रीकल्चर यूनिवर्सटी में एमएससी के लिए चयन हुआ था. यूनिवर्सटी में भारत से सिर्फ दो छात्रों का चयन हुआ था, जिसमें से एक स्वाति सिरोठिया थी. स्वाति सिरोठिया की डिग्री अक्टूबर माह में पूरी होने वाली थी और वह इसी महीने लौटने वाली थी, लेकिन इजरायल पर हमास के हमले के बाद स्वाति वहां फंस कर रह गयी है. स्वाति लगातार वीडियोकाॅल के जरिए अपने परिजनों के संपर्क में है. वहां हो रही दिक्कतों के बारे में बता रही है. स्वाति ने अपने पिता को वीडियो काॅल पर बताया है कि वो हाॅस्टल में है और किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं है. हाॅस्टल में जो बचा खुचा खाने पीने का सामान है, उसी से गुजारा चल रहा है. हम लोगों को सायरन बजते ही बंकर में छिपना होता है.
भारत सरकार ने वापसी के लिए नहीं की पहल: स्वाति ने अपने पिता को वीडियो काॅल में बताया है कि "उसके साथ दूसरे देशों के बच्चे भी हाॅस्टल में थे, लेकिन ज्यादातर देशों के बच्चों को वहां से हेलीकाॅप्टर भेजकर घर बुला लिया गया है, लेकिन भारत सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. स्वाति का कहना है कि उसने वापसी के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क किया था, लेकिन आश्वासन के बाद कोई सकारात्मक संदेश अब तक नहीं मिला है. ना ही भारतीय दूतावास ने उन लोगों को कोई इंतजाम किया है और ना ही वापसी की कोई व्यवस्था बतायी है. एक दिन जरूर भारतीय दूतावास ने मैसेज करके व्यवस्था की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई इंतजाम हीं किया गया है.
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पिता ने कलेक्टर के माध्यम से लगाई पीएम मोदी से गुहार: स्वाति के पिता जो पेशे से सरकारी अस्पताल में फार्मासिस्ट हैं, उन्होंने बुधवार को टीकमगढ़ कलेक्टर के जरिए पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपकर वापसी के लिए गुहार लगायी है. स्वाति के पिता राजेन्द्र सीरोठिया का कहना है कि दूसरे देशों के बच्चों को वहां हेलीकाॅप्टर भेजकर अपने वतन वापस बुला लिया है, लेकिन भारत के बच्चों के लिए अब तक कोई पहल नहीं की है. जबकि उधर हालात काफी खराब है. वहां खाने पीने का सामान भी खत्म होता जा रहा है. बच्चों के लिए किसी भी तरह से कोई सामान या व्यवस्था नहीं की जा रही है. बच्चे बंकर में रहने के लिए मजबूर हैं. उनकी बेटी ने बताया है कि भारतीय दूतावास से एक दिन मैसेज आया था कि देश वापसी के लिए इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई इंतजाम नहीं हुआ है.
क्या कहना है जिला प्रशासन: इस मामले में टीकमगढ़ संयुक्त कलेक्टर आर के तोमर का कहना है कि राजेन्द्र सिरोठिया ने एक आवेदन के माध्यम से बताया है कि उनकी बेटी इजरायल एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने गयी है और वहां फंस गयी है. अपनी बेटी की घर वापसी के लिए आवेदन दिया है, जिसे कलेक्टर महोदय को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है.